दिनेश शाक्य.इटावा । रेलवे ट्रैक पर मवेशियों की मौत के मामले लगातार सामने आ रहे हैं जिससे रेल यात्रा भी प्रभावित हो रही हैं। देश के सबसे अहम दिल्ली-हावडा रेलवे मार्ग पर भी आए दिन मवेशी दुर्घटनाएं हो रही हैं, लेकिन अब इस पर विराम लगाने के लिए गाजियाबाद से मुगलसराय तक सीमेंट की मजबूत चाहरदीवारी का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मुगलसराय से गाजियाबाद तक रेलवे ट्रैक पर स्लीपर बारबेड वायर से जहां फेनशिंग की जाएगी । वहीं आबादी वाले क्षेत्रों में आरसीसी बाउंड्रीवॉल का निर्माण भी कराया जाएगा। इटावा सेक्शन में फर्रूखाबाद क्रासिंग के पास आबादी वाले क्षेत्र में आरसीसी बांउड्रीवाल बनाने का काम शुरू हो गया है। रेलवे के उच्चाधिकारियों ने मुगलसराय से गाजियाबाद तक के क्षेत्र में उन संवेदनशील स्थानों को चिन्हित किया है, जहां पर आए दिन ट्रेनों से कैटल रन ओवर की घटनाएं होती हैं। खुरजा से इटावा सेक्शन में सर्वाधिक घटनाएं कैटल रन...
more... ओवर की हुईं हैं। वहीं इटावा से भाऊपुर का क्षेत्र भी संवेदनशील श्रेणी में आता है।ये भी पढ़ें- मायावती ने मुलायम पर लगाए उन्हें फंसाने का आरोप, अखिलेश को कह दिया यह, बैठक में हुई बातें आईं सामने, मचा हड़कंपदिल्ली हावडा रेलमार्ग पर बन रही है चाहदीवारी-दिल्ली हावडा रेलवे ट्रैक के दोनों ओर बाउंड्रीवाल बनाने का काम तेजी से शुरू हो गया है । टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य ने तेजी पकड़ ली है। इलाहाबाद डिवीजन के पांच खंडों में बाउंड्रीवाल बनाने का कार्य शुरू किया गया है । सबसे पहले 40 किलो मीटर की बाउंड्रीवाल पांचों खंडों में बनाई जाएगी । इसके बाद अन्य स्थानों पर भी कार्य होगा। जिसके लिए 250 करोड रुपए का खर्च आएगा।ये भी पढ़ें- स्मृति इरानी का यह रूप नहीं देखा था किसी ने, मंच पर हुआ ऐसा कि डिप्टी सीएम भी रह गए हैरान, इस खबर से मचा हड़कंपपांच चरणों में होगा कार्यपांच चरणों में बाउंड्रीवाल बनाने का काम किया जाएगा। इसके लिए अधिकारियों की टीमें भी बनाईं गईं हैं। पहले चरण में मुगलसराय से इलाहाबाद, दूसरे चरण में इलाहाबाद से कानपुर, तीसरे चरण में कानपुर से टूंडला, चौथे चरण में टूंडला से अलीगढ़ तथा पांचवें चरण में अलीगढ़ से गाजियाबाद तक कार्य कराया जाएगा।ये भी पढ़ें- चुनाव के बाद पहली बार लखनऊ पहुंचे राजनाथ सिंह हुए भावुक, मांगी माफी, फिर सपा व बसपा पर दिया बड़ा बयानसबसे व्यस्त है दिल्ली हावडा रेलमार्ग-हावड़ा-दिल्ली रेलवे ट्रैक देश के सबसे व्यस्तम रेलवे ट्रैक में शामिल है । सबसे ज्यादा यात्री ट्रेनों के साथ माल गाड़ियां भी इसी ट्रैक पर चलतीं है । ट्रेनों की लेटलतीफी का एक प्रमुख कारण आए दिन रेलवे ट्रैक पर पशुओं का कटना है। इसी कारण ट्रेनों का संचालन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है।
प्रतिदिन 10 से 12 मवेशियों की होती है मौत-रेलवे आंकड़ों के अनुसार, प्रतिदिन 10 से 12 पशु ट्रेनों की चपेट में आने से दम तोड़ देते हैं।जिससे ट्रेनों का संचालन बिगड़ जाता है। ट्रेनें समय से चलतीं है, लेकिन अपने गंतव्य स्थान पर देरी से पहुंचती है । रेलवे बोर्ड ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए व ट्रैक के आसपास घूमने वाले पशुओं को यहां पहुंचने से रोकने के लिए ट्रैक के किनारे आरसीसी से निर्मित बाउंड्रीवाल बनाने का फैसला लिया था।ये भी पढ़ें- शिवापल के उपचुनाव न लड़ने पर आई बहुत बड़ी खबर, प्रसपा लोहिया ने बनाई यह रणनीति, मुलायम हैरानयहां-यहां होगा निर्माण-सीपीआरओ सुनील गुप्ता का कहना है कि रेलवे ट्रैक के दोनों ओर बाउंड्रीवाल बनाने का काम तेजी से शुरू कर दिया गया है। इलाहाबाद डिवीजन के पांच खंडों में बाउंड्रीवॉल बनाने का कार्य होना है । सबसे पहले 40-40 किलो मीटर की बाउंड्रीवाल पांचों खंडों में बनाई जाएगी। इसके बाद अन्य स्थानों पर भी कार्य होगा। पहले चरण में मुगलसराय से इलाहाबाद, दूसरे चरण में इलाबाद से कानपुर, दूसरे चरण में कानपुर से टूंडला, चौथे चरण में टूंडला से अलीगढ़ तथा पांचवें चरण में अलीगढ़ से गाजियाबाद तक कार्य कराया जाएगा।यह भी पढ़ें- उपचुनावों की समय सारिणी हुई जारी, इस तारीख को होगा नामांकन, मतदान, इस दिन आएंगे नतीजेरेलवे के इंजीनियरिंग विभाग के मुताबिक इटावा सेक्शन में अम्बियापुर से सरायभूपत तक 22 किलो मीटर की आरसीसी बाउंड्रीवॉल बनाई जाएगी वहीं अन्य 22 किलो मीटर क्षेत्र में स्लीपर बारबेड वायर फेनशिंग भी की जाएगी । यहां के बाद जसवंतनगर से मक्खनपुर के क्षेत्र में इसी प्रकार का काम होगा। इटावा में फर्रुखाबाद रेलवे क्रासिंग के पास आबादी वाले क्षेत्र में आरसीसी बाउंड्रीवॉल का काम शुरू हो गया है। लगभग 5 फीट ऊंची बाउंड्रीवॉल बनाई जा रही है।वंदेभारत हाईस्पीड लेकर है चिंता- रेलवे के उच्चाधिकारियों के लिए देश की पहली सेमीहाईस्पीड ट्रेन वंदेभारत की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस ट्रेन का संचालन शुरू होने के बाद कैटल रन ओवर की जहां कई घटनाएं हो चुकी है वहीं अराजकतत्वों द्वारा इस पर कई बार पथराव भी किया जा चुका है। इटावा में इस ट्रेन की सुरक्षा के कोई भी इंतजाम नहीं है। सेमीहाईस्पीड ट्रेन की सुरक्षा को लेकर अधिकारी ज्यादा चिंतित है।