एक्सप्रेस ट्रेन में सवार एक यात्री की पैर की अंगुली को एक चूहे ने काट दिया लेकिन उसे चिकित्सा सहायत मिलने से पहले 11 घंटों तक उसके पैर के अंगुठे से खून बहता रहा। यह घटना सोमवार रात को मंगलौर एक्सप्रेस में हुई।हालांकि पीड़ित टीकेजी नायर ने बताया कि रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने उनके एक साथी यात्री के ट्वीट का जवाब दिया और अपने स्टाफ के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई करने का वादा किया जो कि समय पर चिकित्सय सहायता प्रदान करने में विफल रहे।
हालांकि देश के सबसे बड़े सार्वजानिक वाहक ने यात्री सुविधाओं को सुधारने के लिए कई उपाय शुरु किए है। फरवरी में रेलवे ने मुंबई - एर्नाकुलम दूरंतो एक्सप्रेस के एसी कोच में कोट्टायम के एक यात्री...
more... को चूहे के काटने के बाद 13 हजार रुपए मुआवजे के रूप में दिए थे।
पेट्रो-केमिकल कंपनी के साथ 64 साल के मैनेजर नायर ने कहा 'रेलव बड़ी चीजों जैसे बुलेट ट्रेन और गतिमान एक्सप्रेस के बारे में बात कर रहा है। लेकिन जो मौजूदा हैं उसका क्या? एक नियमित यात्री के रूप में मैं महसूस करता हूं कि स्थिति बद से बदतर होती जा रही है।
घटना के बारे में बताते हुए नायर ने कहा कि जब ट्रेन ने कोट्टायम स्टेशन छोड़ा तब आधी रात को एसी थ्री टीयर कम्पार्टमेंट में नींद में मुझे एकदम झटका लगा। जागने के बाद, मैंने देखा कि एक चूहा तेजी से वहां से निकला। चूंकि सभी यात्री सो रहे थे तो मैं एसी मैकेनिक के पास गया जिसने टिकट परीक्षक को सूचित किया। वे कहते हैं ' मेरे पैर की अंगुली से खून बह रहा था और काफी दर्द था। टीटीई ने कई कॉल लिए और मुझे कहा कि एर्नाकुलम जंक्शन पर मेडिकल टीम जांच करेगी। लेकिन वहां कोई नहीं आया। तब मुझे कहा गया कि त्रिशूर में एक डॉक्टर मुझे अटैंड करेंगे। लेकिन वही स्थिति वहां भी बनी रही।
जब टीटीई का अधिकार क्षेत्र खत्म हुआ तब, वह बिना बोले वहां से चला गया। अगले दिन सुबह जब ट्रेन कन्नूर पहुंची तक एक मेडिकल टीम आई, उसने मेरे जख्म एंटी-सेप्टिक लोशन से साफ किए। जब मैंने उनसे एंटी-टीटनेस के इंजेक्शन के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि इसे लगाने के लिए कोई डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ नहीं हैं। अंत में मंगलौर स्टेशन पहुंचने के बाद मुझे एक इंजेक्शन दिया गया और कुछ टेबलेट्स जिसमें पेन-किलर्स भी शामिल थी।
नायर ने कहा कि वह मुआवजे के लिए उपभोक्ता फोरम जाने की योजना बना रहे हैं।