आईआरएसडीसी के अनुसार उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन को अधिकतम 60 साल के लिए पीपीई मोड पर दिया जा सकता है. ...
more... प्रदेश की प्रसिद्ध पर्यटन नगरी लेकसिटी (Lake city Udaipur) के सिटी रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई है. इसके लिये इस स्टेशन (Railway station) को निजी हाथों में सौंपने की पूरी तैयारियां कर ली गई है.
उदयपुर. लेक सिटी उदयपुर (Lake city Udaipur) के सिटी रेलवे स्टेशन पर एयरपोर्ट (Airport) जैसी सुविधाएं विकसित की जाएगी. इसके लिये इसे निजी हाथों (Private sector) में देने की तैयारी कर ली गई है. पीपीई मोड के तहत उदयपुर के सिटी रेलवे स्टेशन का संचालन, रखरखाव, रंग रोगन और अन्य सुविधाएं निजी कंपनी द्वारा की जाएगी. इसके लिए इंडियन रेलवे स्टेशन्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (IRSDC) ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है. मंगलवार को कॉरपोरेशन की टीम उदयपुर में रही और सिटी रेलवे स्टेशन के अत्याधुनिक स्वरूप का नक्शा सभी के सामने रखा. आईआरएसडीसी के चीफ जनरल मैनेजर विवेक भूषण सूद ने बताया कि प्रदेश के 5 रेलवे स्टेशन उदयपुर, जयपुर, गांधीनगर (जयपुर), अजमेर और आबू रोड को वर्ल्ड क्लास सुविधाओं के साथ तैयार करने की योजना बनाई गई है. इसके तहत उदयपुर यूआईटी और नगर निगम के अधिकारियों के साथ लेआउट पर चर्चा की गई है. इसी महीने केंद्र सरकार को पीपीई मोड पर टेंडर जारी करने के लिए प्रपोजल भेजने की बात कही जा रही है. 120 से 140 करोड़ रुपए के बीच की लागत आने का अनुमान है विवेक विभूषण ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में करीब 6 महीने का वक्त लग सकता है. ढाई से 3 साल में इस कार्य को पूरा करने की भी कोशिश की जाएगी. आईआरएसडीसी के अनुसार उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन को अधिकतम 60 साल के लिए पीपीई मोड पर दिया जा सकता है. आईआरएसडीसी ने जो स्वरूप उदयपुर सिटी रेलवे स्टेशन के लिए तय किया है उसे मूर्त रूप देने में करीब 120 से 140 करोड़ रुपए के बीच की लागत आने का अनुमान है. इसी के आधार पर टेंडर प्रक्रिया भी आगे बढ़ाई जाएगी.बिल्डिंग को हैरिटेज लुक में विकसित किया जाएगा पीपीई मोड पर दिए जाने के बाद उदयपुर रेलवे स्टेशन की बिल्डिंग को हैरिटेज लुक में विकसित किया जाएगा. वही एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशन जैसी सुविधाएं यात्रियों को मिल सकेगी. सुविधाएं बढ़ने के साथ उदयपुर का सिटी रेलवे स्टेशन पूरी तरह से सुरक्षित भी होगा. यहां वेटिंग एरिया करीब 3 गुना तक बड़ा किया जाएगा. एंट्री और एग्जिट के पॉइंट भी अलग अलग रखे जाएंगे. इसमें अत्याधुनिक पार्किंग बनाई जाएगी. गार्डन विकसित किए जाएंगे और इसका स्वरूप पूरी तरह से अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होगा. इससे यात्रियों की सुविधाएं भी बढ़ेगी. हालांकि सुविधाएं बढ़ने के साथ यात्रियों से यूजर चार्ज भी लिया जाएगा.