सिंगाजी ताप परियोजना में काेयले की 65 रैक आईं। मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी ने सितंबर के पहले पखवाड़े में कोयले की 100 रैक बुलवाई थीं, 35 अब भी बाकी है। अन्य प्लांटों की तुलना में सबसे ज्यादा रैक सिंगाजी परियोजना में ही पहुंची है। इसे आगामी लोकसभा उपचुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। क्योंकि कोयले की कमी से प्रदेश के लगभग सभी प्लांट जूझ रहे हैं। बिरसिंहपुर में 25, चाचई व अमरकंटक में सिर्फ 5-5 रैक कोयला आया है। सिंगाजी परियोजना में फिलहाल 1 व तीन नंबर यूनिट से बिजली बन रही है।
लोकसभा उपचुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में कोयले की कमी से बिजली उत्पादन प्रभावित होने की गूंज शुरू हो गई है। सभी राजनीतिक दल उपचुनाव की तैयारी में...
more... लग गई है। उधर, सत्तारुढ़ दल ने कोयले की कमी से बिजली उत्पादन ठप न हो इसके लिए कमर कस ली है। सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कोयले की कमी तो वैसे ही पहले से बनी हुई है, लेकिन मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा 1 सितंबर से 15 सितंबर तक 100 कोयले की रैक बुलवाई थी, इसमें से 65 रैक संत सिंगाजी पावर प्लांट में आ गई है। उधर, बिरसिंहपुर में सिर्फ 25 रैक, सारणी में 5 रैक व अमरकंटक चचाई में 5 रैक कोयले की आई है। कोयला एक्सपर्ट ये भी बोल रहे हैं कि परियोजना में जो कोयले की सप्लाई हो रही है, वह घटिया आ रहा है। रैक से कोयला खाली भी नहीं हो पा रहा है। कोयला चिपककर वापस भी चला जाता है, जिससे मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी को नुकसान भी हो रहा है।
एक दिन पहले प्रति यूनिट 590 ग्राम कोयला लगा, अब 720 ग्राम लगा
परियोजना में बिजली उत्पादन के दौरान कोयले की खपत ज्यादा लग रही है। बुधवार को बिजली उत्पादन करने के दौरान एक यूनिट में 590 ग्राम कोयला खपत हुआ था, लेकिन गुरुवार को 720 ग्राम कोयला खपत हुआ है। इससे यह माना जा रहा है कि सुपर क्रिटिकल सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना की 1320 मेगावाट की दोनों यूनिटों में कुछ ना कुछ फाल्ट है।
स्टॉक... 80 हजार मीट्रिक टन है कोयला
सिंगाजी ताप विद्युत परियोजना में कोयले का स्टॉक 80 हजार मीट्रिक टन है। बुधवार तक परियोजना में तीन और चार नंबर से बिजली उत्पादन हो रहा था, वही एक नंबर यूनिट से भी उत्पादन शुरू कर दिया था, लेकिन गुरुवार को दोबारा कोयले का स्टॉक देखते हुए 3 नंबर यूनिट को बंद करना पड़ा है।