बांदा। कोरोना काल में बंद की गई कानपुर-खजुराहो वाया बांदा होकर चलने वाली पैसेंजर ट्रेन को चालू करने के लिए भारतीय उद्योग व्यापार मंडल ने डीआरएम को ज्ञापन भेजा है।
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more... शुक्रवार को रेलवे स्टेशन में स्टेशन प्रबंधक को दिए ज्ञापन में व्यापारी नेताओं ने कहा कि बांदा का ज्यादातर थोक व्यापार दिल्ली और कानपुर मंडियों से होता है। प्रतिदिन एक हजार से अधिक व्यापारी इन शहरों को जाते हैं। कानपुर के लिए खजुराहो वाया बांदा-कानपुर पैसेंजर ट्रेन व्यापारियों के लिए बेहद मुफीद थी। पूर्व चेयरमैन व व्यापारी नेता राजकुमार ने कहा कि ट्रेन सुबह 7.05 बजे बांदा से चलकर 10 बजे कानपुर पहुंच जाती थी।
शाम को 4.10 बजे वहां से चलकर 8 बजे बांदा आ जाती थी। इससे व्यापारी खरीद फरोख्त करने के बाद समय से घर आ जाते थे। उन्होंने फिर से ट्रेन चलाने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों में संगठन के जिलाध्यक्ष अमित सेठ, मछंदर सिंह कहार, सुरेश कान्हा, राहुल गुप्ता, मनोज कुमार, नईम नेता, रोहत जैन, पियूष गुप्ता, अवधेश रुपानी, कमलेश चौरसिया आदि मौजूद रहे।
तालाबों से अतिक्रमण हटवाने की मांग
अतर्रा। समाजसेवी दिनेश कुमार ने नरैनी विधायक को पत्र देकर प्राचीन तालाबों से अतिक्रमण हटाने की मांग की है। बताया कि तहसील क्षेत्र में चार सौ से अधिक पुराने तालाब हैं। इनमें कस्बे के घुस तालाब, दामू तालाब, धोबा तालाब, टिकना तालाब, गंगेही तालाब, घुम्मा तालाब, गर्गन तलैया, बछनी पुरवा तालाबों में अवैध कब्जे कर आलीशान मकान बनवा लिए हैं। तालाबों के सुंदरीकरण के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जा रही है। (संवाद)