दुर्ग में लोको पायलट की लापरवाही ने एक रेलवे कर्मचारी की जान ले ली। रेलवे कर्मचारी मालगाड़ी की बोगियों को अलग करने के लिए कपलिंग खोलने और जोड़ने के लिए शंटिंग का कार्य कर रहा था। कपलिंग कार्य के दौरान लोको पायलट ने इंजन की ओर झटका दे दिया। इससे रेलवे कर्मी दो बोगियों के बीच में दब गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। जांच पर पहुंचे रेलवे के अधिकारियों ने दुर्घटना के लिए लोको पायलट को जिम्मेदार बताया है।
बीएमवाई चरोदा में शंटिंग का काम करने वाला रेलवे कर्मचारी सचिन यमराज भिवगड़े (38) मंगलवार सुबह 6 बजे ड्यूटी पर गया था। अधिकारियों ने उसे दो बोगी और इंजन को जोड़ने के लिए शंटिंग का कार्य करने भेजा। वह...
more... बोगियों को अलग करने के लिए उनके बीच में गया। इसी दौरान बिना इशारा और झंडी दिखाए पायलट ने ट्रेन को झटका दे दिया। इससे ट्रेन आगे बढ़ी और सचिन बोगियों के बीच में दब गया। सीने में झटका लगने और खून बहने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
अधिकारी पहुंचे मौके पर
कर्मचारी के दब जाने की सूचना मिलते ही रेलवे के अधिकारी और पुलिस वाले मौके पर पहुंचे। अधिकारियों की जांच में प्रथम दृष्ट्या लोको पायलट की लापरवाही सामने आ रही है। इस मामले में रेलवे के अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद ही सही कारण पता चलेगा कि आखिर यह जानलेवा लापरवाही कैसे हुई और इसके लिए जिम्मेदार कौन है।
परिवार से छिना सहारा
सचिन मूल रूप से महाराष्ट्र का रहने वाला है। वह भिलाई तीन चरौदा में रहकर पोर्टर के तौर पर काम कर रहा था। उसके घर में वहीं एक कमाने वाला था। उसके अपने परिवार के साथ ही उसके दो भाइयों की पढ़ाई का खर्च भी वही उठा रहा था। उसकी मौत क बाद उसकी पत्नी बच्चे, भाई और पिता के जीवनयापन का सहारा ही छिन गया है।
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