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News Entry# 396768
Dec 16 2019 (07:32) रेलवे में कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी घटाने की तैयारी (www.thestartmagazine.com)
IR Affairs
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News Entry# 396768   
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सरकार ने रेलवे में सुधार के नाम पर कर्मचारियों की संख्या 50 फीसदी तक घटाने का प्रस्ताव तैयार किया है। रेलकर्मियों के लिए आकर्षक-लाभप्रद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति...

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Dec 16 2019 (10:41)
TouristerDivyanshu^~
TouristerDivyanshu^~   172565 blog posts
Re# 4514959-13              
May be its possible in non technical fields, but what are those fields in Group A..
As maximum were IRSME, IRTS, IREE, etc etc only 1 is non tech i thought which is IRAS dept..
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Dec 16 2019 (11:55)
ranjitg370~
ranjitg370~   579 blog posts
Re# 4514959-14               Past Edits
आपकी बात से 100% सही है. इंडिया में सभी राज्यों में सभी जगहों में लोगों को सिर्फ सरकारी नौकरी चाहिए, कोई प्राइवेट नौकरी नही करना चाहता. सरकारी नौकरी के लिए लोग कुछ भी करने और लाखों रुपए घूस रिश्वत देने को भी तैयार है, पर क्यूँ ? क्योंकि प्राइवेट नौकरी में मेहनत करना पड़ता है और टार्गेट के अनुसार काम करना पड़ता है, प्राइवेट नौकरी में अगर बंदा काम नही करेगा तो उसको नौकरी से निकाल दिया जाता है और दफ्तर समय पर आना जाना पड़ता है और ज्यादा छुट्टी भी नही ले सकता अगर छुट्टी लेता है तो उस दिन की सैलरी कट जाती है. लेकिन सरकारी नौकरी लग गयी तो वो बंदा अपने आप को खुश नसीब किस्मत वाला समझता है क्योंकि उसे यह बात ठीक से पता होता के उसको कोई भी नौकरी से निकाल नही सकता. अब उसकी लाइफ सेट हो गयी और उसको सरकारी नौकरी मिल...
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गई हैं अब उसको मेहनत नही करना पड़ेगा आराम से बैठ के रहो और हर महीने ज्यादा सैलरी लेते रहो, कितनी भी छुट्टियां करो और किसी भी समय दफ्तर में अपनी मर्जी के आया जाया करो कोई भी आपको नहीं रोकेगा टोकेगा और बोलेगा सब अपनी मर्जी से चलता है.
उदाहरण के तौर पर दुनिया के विकशित देश अमेरिका, कनाडा, जापान, चीन, फ्रांस, जर्मनी, रूस, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया में 100 किलोमीटर नयी रेल लाइन बिछानी हो तो उस देश के कर्मचारी वो काम को 2 से 3 महीने में पूरा कर देते है और उस नयी रेल लाइन ट्रैक पर ट्रैन चलनी शुरू हो जाती है. पर इंडिया में ऐसा नहीं होता यहाँ की भारत सरकार अगर पूरी जमीन अधिग्रहण करके भी दे और काम के लिए पूरा सरकारी फंडिंग भी दे तो भी इंडिया में 100 किलोमीटर नयी रेल लाइन बिछाने के काम को पूरा करने में 10 से 15 साल लग जाएंगे क्योंकि भारत के सरकारी कर्मचारी अपनी मर्जी और आराम से काम करते है इसके लिए वो भारत सरकार की बात भी नही सुनते और आदेश का पालन भी नही करते. सरकारी प्रोजेक्ट आगर 2 से 3 महीने के समय पर पूरा करेंगे तो सरकारी प्रोजेक्ट पर खर्च भी कम होता है अगर वही प्रोजेक्ट 10 से 15 साल में विलंब से आराम करके पूरा करेंगे तो वो प्रोजेक्ट का पूरा दाम 80 गुना बढ़ जाता है जिसका नुकसान का खामियाजा भारत सरकार को उठाना पड़ता है ना कि आराम फरमाने वाले सरकारी कर्मचारियों को. अगर भारत सरकार इन कर्मचारियों को काम समय में पूरा करने का दबाव देगी तो यह सरकारी कर्मचारियों यूनियन हड़ताल करेंगे भारत सरकार के खिलाफ और बोलेंगे "नौकर शाही ज़िंदाबाद, ताना शाही सरकार नही चलेगी मुर्दाबाद मजदूर यूनियन ज़िंदाबाद, ताना शाही सरकार मुर्दाबाद" करके भारत सरकार को डराने धमकाने की धमकी देंगे.
भारत सरकार को सबसे ज्यादा 97% टैक्स बड़ी बड़ी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और छोटे मोटे उद्योग से मिलता है. 2% से ज्यादा टैक्स सरकार को सरकारी कर्मचारी से मिलता है. फिर भी भारत सरकार का वह टैक्स का पैसा सरकारी कर्मचारियों के सैलरी और पेंशन देने में खर्च कर देती है. जिससे भारत सरकार पर आर्थिक बोझ पड़ता है और इससे भारत का विकास के काम रुक जाता है और प्रभावित होता है.

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Dec 16 2019 (13:14)
ranjitg370~
ranjitg370~   579 blog posts
Re# 4514959-15               Past Edits
bsnl/mtnl नुकसान में चल रही है क्यूं ? क्योंकि जबसे vodafone, jio, airtel, idea, uninor जैसी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनी आयी है तब से भारत और दुनिया भर में कई लोग सरकारी bsnl/mtnl का लैंड लाइन फ़ोन और मोबाइल फोन दोनो की बिक्री होनी बन्द हो गई और करोड़ों लोगों में अपने घर और आफिस में सरकारी bsnl/mtnl के लैंड लाइन फ़ोन कनेक्शन बन्द कर दिया. क्योंकि वो लोगों अब vodafone, jio, airtel, idea, uninor प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं, ऐसा क्यों ? क्योंकि लोग सरकारी कर्मचारी की सेवा ग्राहकों की समस्याओं को जल्दी मिलती नही जिससे ग्राहकों को काफी असुविधा और नाराज़ी होती है सरकारी कर्मचारी ग्राहकों के साथ अच्छा से बात और व्यवहार से नही करता क्योंकि सरकार कर्मचारी जानता है उसे नौकरी से कोई नही निकाल सकता. इसलिए करोड़ो लोगों ने सरकारी फोन का इस्तेमाल करना बन्द कर दिया. इसका खामियाजा भारत सरकार को बहुत...
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बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसलिए bsnl/mtnl को प्राइवेट करने या तो बन्द करने की नौबत आ गयी है. इस नुकसान के लिए जिम्मेदार सिर्फ लापरवाह सरकारी कर्मचारी है.
लेकिन प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों में इस तरह के लापरवाही से काम नही होता. ग्राहकों की समस्या और सेवा का हल प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारी तुरंत कर देती है और प्राइवेट कंपनियों में कर्मचारी ग्राहकों से साथ अच्छा व्यवहार करते है और टेलीकॉम कंपनी के मोबाइल में सबसे सस्ता और सबसे ज्यादा बेहतरीन सुविधा सेवा मिलती है जिससे ग्राहकों प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के मोबाइल इस्तेमाल करते हैं और वे प्राइवेट टेलीकॉम की सर्विस से खुश हैं.

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Rail News
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Mar 11 2020 (13:48)
A2Z~
A2Z~   17505 blog posts
Re# 4514959-16              
Route kilometerage if IR is about 70000 KMs & not 107000 KMsas reported
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Mar 11 2020 (14:30)
SaurabhDubey^~
SaurabhDubey^~   30243 blog posts
Re# 4514959-17               Past Edits
This is what called befooling people. At the time of elections they advertise two lakh Plus recruitment drive, keep the process hanging and before completing it run propaganda of railway running in losses and operate private trains and then circulate news of cost cutting drive axing the working staff to half.
jab 4 years baad election hoga to kya bhakto ko ye sab yaad rahega...
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