आपको ज़मीनी तौर पर काम करने की ज़रूरत है। सिर्फ पत्र लिखकर ये ना समझिए कि डिमांड पूरी हो जाएगी। जबतक रेलमंत्री से नहीं मिलेंगे तब तक कुछ नहीं हो सकता। आपकी एक डिमांड पूरी होती नहीं, 2-3 नई डिमांड पहले आ जाती है। फिर बोलेंगे कि NWR हमारी सुनता नहीं, अलवर को NCR में शामिल कराओ.. वगैरह-वगैरह।
खैर... मैं तो बोल ही सकता हूं। सुनना या न सुनना आपकी मर्ज़ी है 🙂