रिपोर्टर को सपना क्यों आया की दिसंबर में CRS इंस्पेक्क्शन होगा। किसी रेल अधिकारी ने तो कुछ कहा ही नहीं, बस फर्जी TRP के किये कुछ भी न्यूज़ प्रिंट कर दो। Newspaper वालो की कोई सोशल रिस्पांसिबिलिटी भी तो होनी चहिये। क्या ऐसे लोकतंत्र का तीसरा स्तम्भ काम करेगा। बस कुछ भी मसाला न्यूज़ प्रिंट कर दो।