कबाड़ से पैसे कमाने के मामले में उत्तर रेलवे सभी जोनों से आगे है। उत्तर रेलवे ने 30 सितंबर तक कबाड़ बेचकर की 227.71 की करोड़ की कमाई कर ली। कबाड़ बेचकर कमाई गई रकम पिछले साल की इसी अवधि के तुलना में 146 फीसदी अधिक है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि यह पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में अर्जित किए गए 92.49 करोड़ रुपये के राजस्व से बहुत ज्यादा है।
उत्तर रेलवे अब स्क्रैप बिक्री के मामले में भारतीय रेलवे में और सार्वजनिक उपक्रमों में सभी सो उपर है। गंगल ने कहा कि स्क्रैप का निपटान महत्वपूर्ण गतिविधि है। स्क्रैप से राजस्व के साथ-साथ कार्य परिसरों को साफ-सुथरा रखने में मदद मिलती है। रेलवे...
more... लाइन के पास रेल पटरी के टुकडों, स्लीपरों, टाईबार जैसे स्क्रैप के कारण सुरक्षा संबंधी जोखिम की संभावना रहती है।
इसी प्रकार पानी की टंकियों, केबिनों, क्वार्टरों और अन्य परित्यक्त ढांचों के दुरूपयोग की संभावना भी रहती है। इनके त्वरित निपटान को सदैव प्राथमिकता दी जाती रही है और इसकी निगरानी उच्च स्तर पर की जाती है। बताया गया कि बड़ी संख्या में एकत्रित किए गए स्क्रैप पीएससी स्लीपरों का उत्तर रेलवे द्वारा निपटान किया जा रहा है, ताकि रेलवे भूमि को अन्य गतिविधियों और राजस्व आय के लिए उपयोग में लाया जा सके। उत्तर रेलवे जीरो स्क्रैप का दर्जा हासिल करने के लिए मिशन मोड में स्क्रैप का निपटान करने के लिए तत्पर है।
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