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केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के लिए उन्हें मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने हेतु मंत्रालय की पहल ‘मनोदर्पण’ की शुरुआत की
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज नई दिल्ली में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के लिए उन्हें मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने हेतु मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ‘मनोदर्पण’ पहल...
more... शुरू की। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि कोविड-19 दुनिया भर में जाहिर तौर पर सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। श्री पोखरियाल ने बताया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने महसूस किया है कि जहां शैक्षणिक मोर्चे पर निरंतर शिक्षा पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है, वहीं छात्रों की मानसिक तंदुरूस्ती को भी बनाए रखने पर समान जोर दिया जाना चाहिए। इसलिए मंत्रालय ने ‘मनोदर्पण’ नाम से एक नई पहल की शुरुआत की है जिसमें कोविड महामारी के दौरान और उसके बाद भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती को बनाए रखने के लिए उन्हें मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने हेतु विभिन्न तरह की गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा, मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक मुद्दों से जुड़े विशेषज्ञों का एक कार्यकारी समूह गठित किया गया है जो मानसिक स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों और छात्रों की चिंताओं पर नजर रखेगा और परामर्श सेवाएं, ऑनलाइन संसाधनों और हेल्पलाइन के माध्यम से कोविड-19 की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान और उसके बाद भी छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक पहलुओं से निपटने में मदद उपलब्ध कराएगा।
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प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 22 जुलाई को ‘इंडिया आइडियाज समिट’ को संबोधित करेंगे
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 22 जुलाई को ‘इंडिया आइडियाज समिट’ में मुख्य भाषण देंगे। इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका-भारत व्यवसाय परिषद द्वारा की जा रही है। इस वर्ष परिषद के गठन की 45वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस वर्ष की ‘इंडिया आइडियाज समिट’ की थीम ‘बेहतर भविष्य का निर्माण’ है। इस आभासी शिखर सम्मेलन (वर्चुअल समिट) में भारतीय एवं अमेरिकी सरकार के नीति-निर्माताओं, राज्य स्तरीय अधिकारियों और कारोबार जगत एवं समाज के प्रमुख विचारकों की उच्चस्तरीय उपस्थिति होगी। इस शिखर सम्मेलन के दौरान ‘भारत-अमेरिका सहयोग’ और ‘महामारी काल के बाद की दुनिया में दोनों देशों के बीच पारस्पंरिक संबंधों का भविष्य’ सहित विभिन्न विषयों पर गहन चर्चाएं होंगी।
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युवा मामलों और खेल मंत्रालय ने यूनिसेफ के साथ आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 1 करोड़ युवा स्वयंसेवकों को शामिल करने के संकल्प की प्राप्ति के लिए साझेदारी की
प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान में योगदान देने के लिए और केंद्रीय युवा मामलों और खेल मंत्री श्री किरण रिजिजू के भारत में 1 करोड़ युवा स्वयंसेवकों को लामबंद करने वाले दृष्टिकोण को साकार करने के लिए, युवा मामलों और खेल मंत्रालय द्वारा भारत के युवाओं में स्वैच्छिकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ उन्हें शिक्षा और उत्पादन के लिए ज्ञान प्राप्ति में सहायता प्रदान करने के लिए, साझेदारी के साथ कार्य करने के लिए, कौशल के साथ सक्रिय नागरिक बनने के लिए, युवा (यूनिसेफ द्वारा गठित एक बहु-हितधारक मंच) के लिए एक वक्तव्य पर हस्ताक्षर किए गए। इस महत्वपूर्ण साझेदारी पर बात करते हुए श्री किरेन रिजिजू ने कहा, “यह साझेदारी इस चुनौतीपूर्ण समय के लिए बहुत उपयुक्त है। मुझे विश्वास है कि यह हमारी मौजूदा नीतियों पर ध्यान केंद्रित करेगा। भारत एक विशाल युवा जनसंख्या वाला देश है, जहां पर किसी भी क्षेत्र में युवाओं के योगदान से न केवल भारत में बल्कि वैश्विक मंच पर भी बहुत बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।”
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केन्द्रीय विद्युत मंत्री ने भारत के पहले सार्वजनिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग प्लाजा का उद्घाटन किया
ऊर्जा दक्षता बढ़ाने और ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के इरादे से केन्द्रीय विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने कल नई दिल्ली में भारत के पहले सार्वजनिक ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) चार्जिंग प्लाजा का उद्घाटन किया। इस अवसर पर श्री सिंह ने कहा “भारत में ई-मोबिलिटी को सर्वव्यापी और सुविधाजनक बनाने के लिए ईवी चार्जिंग प्लाजा एक नयी पहल है। इस तरह की अभिनव पहल देश में एक मजबूत ई-मोबिलिटी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए जरूरी है।” केन्द्रीय मंत्री ने राष्ट्रीय कार्यक्रम इंडोर एयर क्वालिटी फॉर सेफ्टी एंड एफिशिएंसी में सुधार के लिए एयर कंडीशनिंग व्यवस्था को और सक्षम बनाने की प्रणाली लॉन्च की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि उनका मानना है कि इससे पूरे देश में कार्यक्षेत्रों में खराब वायु गुणवत्ता को सुधार कर उसे स्वास्थ्य के लिहाज से हरित और बेहतर बनाया जा सकता है। काफी समय से भारत में हवा की खराब गुणवत्ता चिंता का विषय बनी हुई है और विशेष रूप से कोरोना संक्रमण के समय में इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ गया है। कार्यालयों और सार्वजनिक स्थलों पर काम करने वाले लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए कार्यस्थलों के भीतर वायु गुणवत्ता बनाए रखना जरूरी है।
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पीआईबी के क्षेत्रीय कार्यालयों से मिली जानकारियां