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जिन non-strategic sectors में प्राइवेट सेक्टर को इजाजत ही नहीं थी, उन्हें भी खोला गया है। आपका ध्यान इस पर भी गया होगा कि सबका साथ- सबका विकास-सबका विश्वास के रास्ते पर चलते हुए हम वो फैसले भी ले रहे हैं, जिसकी मांग बरसों से हो रही थी। साथियों, दुनिया का तीसरा बड़ा देश, जिसके पास कोयले का भंडार हो- Coal Reserve हो, जिसके पास आप जैसे साहसी और उद्यमी, व्यापार जगत के Leaders हों, लेकिन फिर भी, उस देश में बाहर से कोयला आए, Coal Import हो, तो उसका कारण क्या है? कभी सरकार रुकावट बनी रही, कभी नीतियां रुकावट बनी रही। लेकिन अब Coal सेक्टर को इन...
more... बंधनों से मुक्त करने का काम शुरू कर दिया गया है।
अब Coal सेक्टर में commercial mining को permit कर दिया गया है। Partially explored blocks का भी allotment करने की permission दी गई है। इसी तरह, mineral mining में भी अब कंपनियां exploration के साथ-साथ mining का काम एक साथ कर सकती है। इन फैसलों के कितने दूरगामी परिणाम होने वाले हैं, ये इस सेक्टर से परिचित लोग अच्छी तरह जानते हैं।
साथियों, सरकार जिस दिशा में बढ़ रही है, उससे हमारा mining sector हो, energy sector हो, या research और technology हो, हर क्षेत्र में इंडस्ट्री को भी अवसर मिलेंगे, और youth के लिए भी नई opportunities खुलेंगी। इस सबसे भी आगे बढ़कर, अब देश के strategic sectors में भी private players की भागीदारी एक reality बन रही है। आप चाहे space sector में निवेश करना चाहें, atomic energy में नयी opportunities को तलाशना चाहें, possibilities आपके लिए पूरी तरह से खुली हुई है।
साथियों, आप ये भली-भांति जानते हैं कि MSME sector की लाखों units हमारे देश के लिए economic engines की तरह हैं। इनका देश की GDP में बहुत बड़ा contribution है, ये contribution करीब-करीब 30 परसेंट का है। MSMEs की definition स्पष्ट करने की मांग लंबे समय से उद्योग जगत कर रहा था, वो पूरी हो चुकी है। इससे MSMEs बिना किसी चिंता के grow कर पाएंगे और उनको MSMEs का स्टेट्स बनाए रखने के लिए दूसरे रास्तों पर चलने की ज़रूरत नहीं रहेगी। देश के MSMEs में काम करने वाले करोड़ों साथियों को लाभ हो, इसके लिए 200 करोड़ रुपए तक की सरकारी खरीद में ग्लोबल टेंडर्स को खत्म कर दिया गया है। इससे हमारे छोटे उद्योगों को ज्यादा अवसर मिल पाएंगे। एक तरह से आत्मनिर्भर भारत पैकेज MSME sector के engine के लिए fuel का काम करने वाला है।
साथियों, ये जो फैसले हैं, उनकी Relevance समझने के लिए आज की global situations को देखना और समझना भी बहुत जरूरी है। आज विश्व के तमाम देश, पहले की तुलना में एक दूसरे का साथ और अधिक चाहते हैं। देशों में एक दूसरे की जरूरत और ज्यादा पैदा हुई है। लेकिन इसी के साथ ये चिंतन भी चल रहा है कि पुरानी सोच, पुरानी रीति-नीति, पुरानी policies कितनी कारगर होगी। स्वभाविक है कि इस समय नए सिरे से मंथन चल रहा है। और ऐसे समय में, भारत से दुनिया की अपेक्षा, expectations और बढ़ीं हैं। आज दुनिया का भारत पर विश्वास भी बढ़ा है और नई आशा का संचार भी हुआ है। अभी आपने भी देखा है कि कोरोना के इस संकट में जब किसी देश के लिए दूसरे की मदद करना मुश्किल हो रहा था, तब भारत ने 150 से ज्यादा देशों को medical supplies भेजकर उनकी मदद की है। साथियों, World is looking for a trusted, reliable partner भारत में potential है, strength है, ability है।
आज पूरे विश्व में भारत के प्रति जो trust develop हुआ है, उसका आप सभी को, भारत की Industry को पूरा फायदा उठाना चाहिए। ये आप सभी की जिम्मेदारी है, CII जैसे संगठनों की जिम्मेदारी है कि Manufactured In India के साथ, trust, quality, competitiveness तीनों जुड़ा हो। आप दो कदम आगे बढ़ेंगे, सरकार चार कदम आगे बढ़कर आपका साथ देगी। प्रधानमंत्री के तौर पर मैं आपको भरोसा दे रहा हूं कि मैं आपके साथ खड़ा हूं। भारतीय उद्योग जगत के लिए ये Rise to the Occasion की तरह है। Trust me, Getting growth Back, इतना मुश्किल भी नहीं है। और सबसे बड़ी बात कि अब आपके पास, Indian Industries के पास एक clear path है। आत्मनिर्भर भारत का रास्ता। Self Reliant India का path. आत्मनिर्भर भारत का मतलब है कि हम और ज्यादा strong होकर दुनिया को embrace करेंगे।