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प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की सोमवार 1 जून 2020 को बैठक हुई। केंद्र सरकार द्वारा अपने दूसरे वर्ष के कार्यकाल में प्रवेश करने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल की यह पहली बैठक थी। बैठक में ऐसे ऐतिहासिक फैसले लिए गए जिनका भारत के मेहनती किसानों, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम (एमएसएमई) क्षेत्र और रेहड़ी विक्रेताओं के रूप में काम करने वाले लोगों के जीवन पर एक परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ेगा। इसमें शामिल है: 14 साल बाद पहली बार एमएसएमई परिभाषा में संशोधन; मध्यम इकाइयों की परिभाषा में 50 करोड़ रुपये का निवेश और 250 करोड़ रुपये के कारोबार का टर्नओवर किया गया है; विशेष माइक्रो-क्रेडिट सुविधा योजना 'पीएम स्व-निधि' (PMSVANidhi) रेहड़ी विक्रेताओं को सस्ता ऋण प्रदान करने के लिए...
more... लॉन्च की गई है; खरीफ सीजन 2020-21 के लिए सरकार ने उत्पादन की लागत का कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने का अपना वादा निभाया है; कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए दिये गए अल्पकालिक ऋणों की पुनर्भुगतान तिथि को बढ़ाने का निर्णय; किसानों को ब्याज सबवेंशन और शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन का लाभ भी मिलेगा।
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मंत्रिमंडल ने कृषि और उससे संबधित गतिविधियों के लिए बैंक से लिए अल्पकालिक कर्ज को चुकाने की समय सीमा 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई, जो बकाया है या 1 मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 के बीच चुकाया जाना है
बैंकों द्वारा कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए दिए गए 3 लाख रुपये तक के मानक अल्पकालिक ऋणों, जो 1 मार्च 2020 और 31 अगस्त 2020 के बीच देय हैं, के पुनर्भुगतान की तारीख को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा दिया है। इसके तहत बैंकों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी (आईएस) और किसानों के लिए 3 प्रतिशत शीघ्र पुनर्भुगतान प्रोत्साहन (पीआरआई) का लाभ मिलता रहेगा।
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कैबिनेट ने एमएसएमई की ऊपरी सीमा को संशोधित करने तथा एमएसएमई के लिए शेष दो पैकेज (क) संकटग्रस्त एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये का पैकेज और (ख) फंड ऑफ फंड्स के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये की पूंजी लगाने के तौर-तरीकों और रोडमैप को दी स्वीकृति
भारत सरकार के देश के एमएसएमई सेक्टर में नई जान फूंकने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के क्रम में आज प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की एक विशेष बैठक हुई, जिसमें आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत शेष दो घोषणाओं के प्रभावी कार्यान्वयन के तौर-तरीकों और रोडमैप को स्वीकृति दे दी गई। 'आत्मनिर्भर भारत पैकेज' के माध्यम से यह एमएमएमई क्षेत्र को मजबूत करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
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2020-21 विपणन मौसम में खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी)
आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने विपणन सीजन 2020-21 के लिए सभी अनिवार्य खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि को मंजूरी दे दी है। सरकार ने विपणन सीजन 2020-21 के लिए खरीफ फसलों की एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों के लिए उनकी उपज के पारिश्रमिक मूल्य को सुनिश्चित किया जा सके। एमएसपी में उच्चतम वृद्धि नाइजरसीड (755 रुपये प्रति क्विंटल) और उसके बाद तिल (370 रुपये प्रति क्विंटल), उड़द (300 रुपये प्रति क्विंटल) और कपास (लंबा रेशा) (275 रुपये प्रति क्विंटल) प्रस्तावित है। पारिश्रमिक में अंतर का उद्देश्य फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देना है।
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पीएम मोदी ने लॉन्च किया ‘चैंपियन्स’; एमएसएमई को सशक्त करने के लिए टेक्नॉलजी प्लेटफॉर्म
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज टेक्नॉलजी प्लेटफॉर्म चैंपियन्स लॉन्च किया, जिसका मतलब है क्रिएशन एंड हार्मोनियस एप्लीकेशन ऑफ मार्डन प्रोसेसेज फॉर इन्क्रीजिंग द आउटपुट एंड नेशनल स्ट्रेंथ। यह पोर्टल छोटी-छोटी इकाइयों की शिकायतों का समाधान, प्रोत्साहित, समर्थन, मदद कर उन्हें बड़ा बनाने के लिए हैं। इसे एमएसएमई मंत्रालय के लिए वन-स्टॉप-शॉप साल्यूशन माना जा रहा है। इस आईसीटी आधारित प्रणाली को वर्तमान मुश्किल हालात और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय चैंपियन्स बनाने में एमएसएमई की मदद करने के लिए तैयार किया गया है।
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