पहले फरवरी की आखिरी तारीख से एक दिन पहले बजट पेश किया जाता था मतलब 27, 28 फरवरी को तो तब तक इंतजार कीजिये मुझे विश्वाश है कि तब तक संबंधित योजनाओं तक धन भी पहुंच जाएगा ।
रही बात बजट घोषणाओं की तो धरातल पर काम करना अलग बात होती है और घोषणा करना अलग ।
घोषणा करके वोटों की फसल काटना और सच मे धरातल पर काम करना अलग अलगचीज होती है, सरकार सही ट्रैक पर रेल को लेकर चल रही है मुर्गे दारू के भूखे पत्रकार तो कमी निकालते रहेंगे...
more... जब तक मुर्गा दारू नहीं मिलेगी ।