गोरखपुर : इलेक्ट्रिक इंजनों का रखरखाव अब गोरखपुर में ही हो जाएगा। इसके लिए कौआबाग रेलवे क्रासिंग पर 'ट्रिप इंस्पेक्शन पिट' तैयार हो रहा है। फिलहाल, इंजनों का इंस्पेक्शन शुरू हो चुका है। अब उन्हें बरौनी या कानपुर नहीं भेजना पड़ेगा।
पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय गोरखपुर के अलावा लखनऊ में भी ट्रिप इंस्पेक्शन पिट तैयार किया जाएगा। इन स्टेशनों पर डीजल लोको इंजनों का रखरखाव वाशिंग पिट में तो हो जाता है, लेकिन इलेक्ट्रिक इंजनों को बाहर भेजना पड़ता है। ऐसे में परेशानी बढ़ जाती है। इधर, बाराबंकी-गोरखपुर-छपरा रेल खंड (425 किमी) का विद्युतीकरण हो जाने के बाद गोरखधाम और वैशाली सहित 18 जोड़ी प्रमुख गाड़ियां इलेक्ट्रिक इंजन से चलने लगी हैं। आने वाले दिनों में सभी ट्रेनों को इलेक्ट्रिक इंजन से ही...
more... चलाया जाएगा। ऐसे में इंजनों के रखरखाव का दबाव बढ़ गया है। स्टेशन यार्ड में पिट होने से कभी भी किसी भी समय इंजनों का परीक्षण हो सकेगा। अब तो प्लेटफार्म नंबर छह का विद्युतीकरण भी अंतिम चरण में चल रहा है। जल्द ही स्टेशन यार्ड के सभी लाइनों पर विद्युतीकरण हो जाएगा। आने वाले दिनों में गोरखपुर कैंट-कप्तानगंज-पनियहवां और भटनी-औड़िहार रेल खंड का भी विद्युतीकरण हो जाएगा। ऐसे में यह यह पिट और बनने वाला एसी लोको शेड ट्रेन संचलन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। पूर्वोत्तर रेलवे के गोंडा में डीजल लोको शेड स्थापित है।
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बन रहा 100 इलेक्ट्रिक
इंजन वाला एसी शेड
पूर्वोत्तर रेलवे में इलेक्ट्रिक इंजनों के मरम्मत के लिए एयरफोर्स परिसर के समीप 100 लोको वाला वातानुकूलित शेड बन रहा है। 18 दिसंबर 2016 को रेलमंत्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने शेड का शिलान्यास किया था। निर्माण के लिए रेल मंत्रालय ने 89 करोड़ रुपये अवमुक्त भी कर दिया है। लोको शेड के लिए सड़क आदि का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। यहां के शेड से निकले इंजन गोरखपुर के नाम से जाने जाएंगे। रेल मंत्रालय ने पूर्वोत्तर रेलवे के 1035 किमी रेल खंड के विद्युतीकरण की स्वीकृति प्रदान की है। इसके लिए 1424.59 करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हो चुका है।