लोयाबाद पावर हाउस मोहल्ला में जलापूर्ति योजना के तहत पाईप बिछाने के कार्य रूकने से ग्रामीण...
लोयाबाद (कतरास)। प्रतिनिधि
लोयाबाद पावर हाउस मोहल्ला के जलापूर्ति योजना के अन्तर्गत निगम द्वारा खुदाई कर पाईप बिछाने के कार्य के दौरान आद्रा-गोमो रेलवे लाइन का सिग्नल केबुल लोयाबाद स्टेशन के पास कट गया। जिससे ट्रेनों को मैनुवल पार कराया गया। उक्त घटना को लेकर रेलवे विभाग द्वारा शिकायत करने पर भोजूडीह आरपीएफ थाना में अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। जिसमें रेलवे ने 3 लाख 25 हजार का नुकसान होना बताया है। वहीं...
more... रेलवे पुलिस ने आरोपियों की तलाश में जुट गई है। केबुल कटने के बाद से पाइप बिछाने का काम बन्द हो चुका है, जिससे स्थानीय ग्रामीण खासे परेशान है। बताया जाता है कि उक्त केबुल कटने की घटना 2 जून की है। तब से घटना को अंजाम देकर जेसीबी मशीन एवं ऑपरेटर फरार है। रेलवे पुलिस उसे तलाश कर रही है। रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि निगम के एक अभियंता पर केस दर्ज हुआ है। इधर इस घटना के बाद पाइप बिछाने का काम रुक गया है। जिससे ग्रामीण खासे परेशान है। ग्रामीणों का कहना है कि पेयजलापूर्ति का काम शुरू हुआ था, लेकिन केबुल कटने से एक बार फिर ग्रामीणों के समक्ष पानी की समस्या यथावत बनी हुई है। इस संबंध में निगम अभियंता ने कहा कि कार्य प्रगती पर था, परन्तु केश का मामला हो चुका है। इसका निपटारा होते ही पाईप बिछाने का कार्य पूरा कर दिया जाएगा। दुसरी ओर केबुल कटने से रेलवे का स्लॉटिंग काम करना बंद कर दिया था। जिससे पूरा आद्रा डिवीजन तक हड़कंप मच गया है। इससे तमाम रेलवे विभाग हरकत में आ गए थे। इस मामले में स्टेशन मास्टर की शिकायत के बाद सिग्लनल विभाग कटे हुए केबुल की मरम्मति साढ़े तीन घंटे के दौरान कर दिया। इस दौरान सभी ट्रेने मैनुवल पास कराया गया। बताया जाता है कि इस रूट में 6 पसेंजर और 4 एक्सप्रेस ट्रेनें गुजरती है।
दो हजार की आबादी को पेयजलापूर्ति का नहीं है कोई साधन
ग्रामीणों के अनुसार इस गांव में करीब दो हजार की आबादी है। पेयजलापूर्ति का कोई साधन नहीं है। यहां लोग पानी खरीद कर काम चलाते हैं। निगम क्षेत्र के वार्ड 08 में पड़ने वाले इस क्षेत्र का कोई विकास नहीं हुआ है। लाइट भी नहीं लगी है। कभी भी साफ सफाई नहीं होती है। ग्रामीणों ने कहा कि जब पानी के लिए निगम के पास गया तो निगम वाले ने कहा कि निगम के पेयजलापूर्ति योजना में इस गांव का नाम ही नहीं है। बड़ी कोशिश के बाद निगम के योजना में गांव का नाम जुड़ा और अब फिर जलापूर्ति योजना शुरू हुई। ग्रामीणों में महंगु कुरैशी, सूरज दास, पीएन झा, अनुज झा, रजनीकांत झा, दिवाकांत झा, मोनू कुम्हार, रानी देवी उपस्थित थे।