पूर्वोत्तर रेलवे में लीज पर ट्रेन चलाने के लिए कोई तैयार नहीं है। योजना शुरू होने के नौ महीने बाद भी रेल प्रशासन को आवेदकों का इंतजार है। एक तो सिक्योरिटी डिपॉजिट ज्यादा है, दूसरे 14 कोच के लिए यात्री जुटा पाना आसान नहीं है। ...
more... भारत गौरव ट्रेन चलाने के लिए बोर्ड ने इंडियन रेलवे की वेबसाइट पर भारत गौरव ट्रेन नाम से पोर्टल जारी किया है। ट्रेन का संचालन कोई भी व्यक्ति या संस्था कर सकती है। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। ट्रेन के संचालन के लिए जन सहभागिता बढ़ाने के लिए बिजनेस डेवलपमेंट यूनिट (बीडीयू) ने प्रचार-प्रसार कर भी किया, लेकिन सिक्योरिटी मनी और प्रति व्यक्ति किराया ज्यादा होने से कोई फर्म या एजेंसी तैयार नहीं हो रही है। उन्हें डर है कि यात्री नहीं मिलेंगे, क्योंकि कम से कम 14 बोगी बुक करानी होगी। यानी एक हजार यात्री की जरूरत पड़ेगी। भारत दर्शन ट्रेन चलाने वाली आईआरसीटीसी भी हिम्मत जुटा नहीं पा रही है। रेलवे वाणिज्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि पोर्टल पर अब तक एक भी आवेदन नहीं आया है। न ही किसी ने अभी तक संपर्क किया है।
गोरखपुर से एलटीटी तक 20 कोच चलाने का खर्च 3.32 करोड़गोरखपुर से एलटीटी तक अगर 20 कोच की रेक लगाकर ट्रेन चलाई जाती है, तो कुल खर्च 3.32 करोड़ आएगा। इसमें रेक सिक्योरिटी डिपॉजिट में एक करोड़ रुपये (दो वर्ष के लिए), राइट टू यूज में कोच खर्च 3761004 रुपये (एसी 3, एसी 2 के छह-छह कोच व एसएलआर दो व एक पैंट्रीकार), स्टेबलिंग चार्ज पहले 100 दिन के लिए एक लाख रुपये तथा अगले 50 दिन के लिए 425000 रुपये, फिक्स हैंडिल चार्ज में 25294606 रुपये तथा वैरिबल हैंडल चार्ज में 3703160 रुपये देने होंगे।पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि भारत गौरव ट्रेन को कोई व्यक्ति, संस्था व कंपनी चला सकती है। इस ट्रेन से यात्री देश के विभिन्न स्थानों पर स्थित धार्मिक एवं अन्य पर्यटन स्थलों तक जा सकते हैं। अभी एक भारत गौरव ट्रेन 21 जून को आईआरसीटीसी की ओर से चलाई गई है। पूर्वोत्तर रेलवे में भी इस तरह की ट्रेन चलाने के लिए प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।