भोपाल (नवदुनिया प्रतिनिधि)। यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों के पहुंचने की सटीक जानकारी मिले, इसके लिए रेलवे स्टेशनों पर जीपीएस आधारित घड़ियों (क्लाक) की संख्या बढ़ाई जा रही है। भोपाल स्टेशन पर भी इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी। अभी प्लेटफार्मों पर चुनिंदा घड़ियां ही है, प्लेटफार्मों पर जगह-जगह इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
पश्चिम-मध्य रेलवे के मुख्य प्रवक्ता राहुल जयपुरिया ने बताया कि अभी भोपाल, रानी कमलापति, इटारसी, बीना, संत हिरदाराम नगर समेत 85 स्टेशनों पर जीपीएस आधारित घड़िया काम कर रही हैं। ट्रेनें जैसे-जैसे आगे बढ़ती है, उनके संबंधित स्टेशनों पर पहुंचने का समय इन घड़ियों पर अपडेट होता रहता है। रेलवे के अधिकृत पोर्टल पर भी जीपीएस और सैटेलाइट संचार नेटवर्क के जरिए ट्रेनों के पहुंचने का वास्तविक समय पता चलता...
more... रहता है।
जीपीएस घड़ी के फायदे
- जीपीएस सिस्टम सैटेलाइट से जुड़ा है। रेलवे ट्रैक और ट्रेनों में ये दोनों ही सिस्टम काम करते हैं। ये दोनों ही सिस्टम चौबीस घंटे संबंधित ट्रेनों के पल-पल के समय को अपडेट करते रहते हैं।
- जीपीएस घड़ी सिस्टम से इंटरनेट डिस्प्ले के साथ समय कोड टाइम जोन से समायोजित
रखता है।
- ये डिजिटल डिस्प्ले काफी मजबूत रहते हैं। इसका केबिन एलुमिनियम का बना होता है।
- सैटेलाइट संचार नेटवर्क प्रणाली को रेलवे नेटवर्क के साथ जोड़ा गया है।
- प्रत्येक जीपीएस क्लक को सैटेलाइट सिग्नल के माध्यम से समय की सही डाटा उपलब्ध कराने उपयोगी साबित होगी।
- पश्चिम मध्य रेल द्वारा वर्ष 2021-22 में इस प्रणाली को अधिक से अधिक स्टेशनों पर स्थापित यात्री सुविधाओं को विस्तार करने में प्रयास करेगा। इस वर्ष भी इस प्रणाली को गति देने का प्रयास किया जा रहा है।