Part-2/
लाभ
अध्यादेश किसानों को शोषण के भय के बिना समानता के आधार पर प्रसंस्करणकर्ताओं (प्रोसेसर्स), एग्रीगेटर्स, थोक विक्रेताओं, बड़े खुदरा कारोबारियों, निर्यातकों आदि के साथ जुड़ने में सक्षम बनाएगा। इससे बाजार की अनिश्चितता का जोखिम प्रायोजक पर हस्तांतिरत हो जाएगा और साथ ही किसानों की आधुनिक तकनीक और बेहतर इनपुट्स तक पहुंच भी सुनिश्चित होगी। इससे विपणन की लागत में कमी...
more... आएगी और किसानों की आय में सुधार होगा।
यह अध्यादेश किसानों की उपज की वैश्विक बाजारों में आपूर्ति के लिए जरूरी आपूर्ति चेन तैयार करने को निजी क्षेत्र से निवेश आकर्षित करने में एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा। किसानों की ऊंचे मूल्य वाली कृषि के लिए तकनीक और परामर्श तक पहुंच सुनिश्चित होगी, साथ ही उन्हें ऐसी फसलों के लिए तैयार बाजार भी मिलेगा।
किसान प्रत्यक्ष रूप से विपणन से जुड़ सकेंगे, जिससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और उन्हें अपनी फसल का बेहतर मूल्य मिलेगा। किसानों को पर्याप्त सुरक्षा दी गई है और समाधान की स्पष्ट समयसीमा के साथ प्रभावी विवाद समाधान तंत्र भी उपलब्ध कराया गया है।
सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है
कृषि और संबद्ध गतिविधियों में लगे लोगों को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के तौर पर कई कदमों की घोषणा की गई। इनमें किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए रिआयती ऋण देना, कृषि-ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्तीय सुविधा, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और मछलीपालन को मजबूत करने के लिए अन्य उपाय, पैर व मुंह की बीमारी और ब्रूसीलोसिस के खिलाफ टीकाकरण, हर्बल खेती को प्रोत्साहन, मधुमक्खी पालन को बढ़ावा और ऑपरेशन ग्रीन जैसे प्रावधान शामिल हैं।
पीएम किसान के माध्यम से, 9.54 करोड़ से अधिक किसान परिवारों (1 जून, 2020 तक) को लाभ हुआ है और लॉकडाउन अवधि के दौरान अब तक 19,515 करोड़ रुपये वितरित किये गए हैं। लॉकडाउन अवधि के दौरान पीएमएफबीवाई के तहत 8,090 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
सरकार द्वारा जो उपाय किए गए हैं ये उस श्रृंखला में सिर्फ कुछ ताजा कदम हैं, जो भारत के मेहनतकश किसानों के कल्याण के कार्य को लेकर आगे रहने के प्रति सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दिखाता है।
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वीआरआरके/एसएच
(रिलीज़ आईडी: 1629046) आगंतुक पटल : 202