होना तो बहुत कुछ था और है! पर हो नही रहा है दावे बडे बडे किये गये ओर किये जा रहे है! पर धरातल पर कुछ नजर नही आता ! स्टेशन के विकास के दावों के बीच बड़ी बड़ी सपनीली खबरे ऐसे छपकर आती है जैसे चन्द महीनो में ये सपने साकार होने वाले है ! ऐसा तभी होता है जब जिम्मेदार अफसर और जन प्रतिनिधी लापरवाह नाकारा हो ! क्या कारण है जो काम चार महीने में पूरा होना चाहिये था वो चार साल बाद भी अधुरा है !