लखनऊ। मुंबई के 27 रेल आरक्षण केंद्रों पर चल रहे तत्काल कोटे के गोरखधंधे को पकड़ने के लिए सीबीआई ने जाल बिछा दिया है। रेलवे बोर्ड को भेजी गई उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई को आगे की कार्रवाई के लिए स्वीकृति मिल गई है। सीबीआई के सक्रिय होने से मध्य और पश्चिम रेलवे के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच हड़कंप है। खुद को बचाने के लिए अब दोनों ही रेलवे के अधिकारियों ने मुंबई में ताबड़तोड़ छापेमारी शुरू करा दी है।
पिछले दिनों जंघई के पास गोदान एक्सप्रेस में सीबीआई छापे के दौरान मिले सबूतों के आधार पर मुंबई में चल रहे इस रैकेट को पकड़ने के लिए आगे की कार्रवाई की अनुमति की मांग उत्तर रेलवे...
more... लखनऊ मंडल प्रशासन ने की थी। इस गोरखधंधे को उजागर करने वाले लखनऊ के एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि रेलवे बोर्ड से रिपोर्ट के आधार पर मिली स्वीकृति के बाद सीबीआई ने मुंबई के सिंडिकेट को पकड़ने के लिए काम शुरू कर दिया है। अभी यह गोपनीय है कि सीबीआई ने किन लोगों की और कहां जांच की है। हां, इतना जरूर है कि पिछले डेढ़ महीने से सुबूतों के साथ कई शिकायतों को भेजने के बावजूद मुंबई के जिन आला अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की थी, सीबीआई के दस्तक देते ही उन्होंने अब हर रेल आरक्षण केंद्र पर छापेमारी शुरू करा दी है। उधर, सूत्रों के मुताबिक मुंबई में कुछ रेलवे अधिकारियों, तत्काल कोटे के खेल में जुड़े कर्मचारियों और दलालों से सीबीआई पूछताछ कर रही है। रविवार को पश्चिम रेलवे के सात रेल आरक्षण केंद्रों पर मारे गए छापे में पकड़े गए आठ दलालों को रेलवे विजिलेंस की टीम ने सीबीआई के हवाले कर दिया है। इस रैकेट में शामिल लोगों का पता लगाने के लिए सीबीआई उनसे गहन पूछताछ कर रही है। इस बारे में पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी अमिताभ प्रभाकर से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने बीमारी के चलते छुट्टी पर होने की बात कहते हुए सीबीआई जांच के बारे में जानकारी न होने की बात कही।
एक के साथतीन फर्जी
मुंबई के रेल आरक्षण केंद्रों पर बन रहे तत्काल कोटे के 50 फीसद से अधिक लोगों के टिकट फर्जी नाम से बन रहे हैं। रेलवे के नियम के अनुसार एक आवेदन पत्र में चार यात्रियों के नाम का टिकट बन सकता है। इसमें से केवल एक ही यात्री के पहचान पत्र की छायाप्रति लगानी होती है। मुंबई में सक्रिय दलाल आर कुमार, ए कुमार, ए सिंह जैसे कॉमन नाम के एक आवेदन पत्र में दो से तीन लोगों के टिकट बनवा लेते हैं। आवेदन पत्र में एक ही यात्री की आईडी लगाई जाती है। पिछले दिनों जब पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मंडल की एंटी फ्रॉड टीम ने कुशीनगर एक्सप्रेस में छापा मारा था, तो छह ऐसे यात्री पकड़े गए जिनकी आईडी का जिक्र टिकट में नहीं था। पूछने पर यात्रियों ने बताया कि उन्होंने अपना कोई पहचान पत्र टिकट बनवाने के लिए इस्तेमाल ही नहीं किया।
शून्य हुआ खाता
सीबीआई के मुंबई पहुंचते ही वहां शुरू हुई जांच और धरपकड़ के चलते तत्काल टिकटों की कालाबाजारी पर काफी हद तक अंकुश लग गया है। सोमवार सुबह दस बजे गोरखपुर-मुंबई कुशीनगर एक्सप्रेस और गोरखपुर-एलटीटी सुपरफास्ट एक्सप्रेस का तत्काल कोटे का आरक्षण खुला था। इन दोनों ट्रेनों की एसी द्वितीय, एसी तृतीय और शयनयान श्रेणी की एक भी सीट की बुकिंग मुंबई के रेल आरक्षण केंद्रों पर नहीं हुई।