आरओआर में उलझा कासगंज- एटा-अलीगढ़ रेल मार्ग
कासगंज से एटा और अलीगढ़ के बीच रेल मार्ग के निर्माण की स्वीकृति दो साल पहले केंद्र सरकार से मिली थी। इसके लिए पिछले साल रेलवे के अधिकारियों ने क्षेत्र में सर्वे भी कराया था। इसके बाद लोग इंतजार करते रहे लेकिन अभी तक कोई नतीजा हासिल नहीं हुआ है। रेलवे अब रेट आफ रिटर्न सर्वे करा रहा है। यह सर्वे अभी पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में रेट ऑफ रिटर्न सर्वे में अलीगढ़ एटा और कासगंज के बीच रेल सफर उलझा नजर आ रहा...
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रेलवे से लोगों को काफी उम्मीदें जुड़ी हैं। कासगंज-एटा और अलीगढ़ शहर को रेल मार्ग से जोड़ने के लिए लंबे समय से लोग मांग उठाते चले आ रहे हैं। लोगों की मांग पर रेल मार्ग के लिए पहल भी हुई। दो साल पहले सांसद राजवीर सिंह की पहल पर रेल मार्ग के लिए बजट में जगह भी मिली। सर्वे की स्वीकृति भी हो गई। इसके लिए रेलवे ने वर्ष 2019 में सर्वे का काम पूरा कराया। एटा कासगंज के बीच 200 करोड़ रुपए की लागत से रेल लाइन बिछाने का प्रस्ताव सर्वे में तैयार हुआ। इसके अलावा अलीगढ़ को कासगंज से जोड़ने के लिए भी सर्वे हुआ, हालांकि इसके सर्वे की फाइनल रिपोर्ट तो नहीं मिली, लेकिन ये दोनों ही शहर रेल मार्ग से जोड़ने के लिए आरओआर कराने की बात अफसरों ने कही। रेट ऑफ रिटर्न सर्वे करा रहा है के सर्वे अभी तक पूरा नहीं हुआ है। आंकड़े की नजर से
- 30 किलोमीटर तक एटा कासगंज के बीच रेल लाइन है प्रस्तावित
- 60 किलोमीटर तक अलीगढ़- कासगंज के बीच रेल लाइन है प्रस्तावित क्या है आरओआर
रेलवे का रेट ऑफ रिटर्न सर्वे एक प्रक्रिया है। कोई भी नई रेल लाइन बिछाने से पहले जो सर्वे कराया जाता है उसको आरओआर कहा जाता है। रेलवे इससे यह जानने की कोशिश करता है कि जो लागत रेल लाइन पर खर्च हो रही है वह किस तरह, कैसे और कब तक रिकवर हो सकेगी। एटा-कासगंज और अलीगढ़ के बीच रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे कराया गया था। अब रेट ऑफ रिटर्न सर्वे कराया जा रहा है। अभी क्या स्थिति है इसकी रिपोर्ट नहीं मिली है।
राजेंद्र सिंह, पीआरओ
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