माल परिवहन की दृष्टि से पूर्वोत्तर रेलवे के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है जब भारतीय रेल के सबसे ज़्यादा हॉर्सपॉवर का इलेक्ट्रिक इंजन डब्लू.ए.जी.-12 भरी हुई मालगाड़ी को लेकर पहली बार गोरखपुर जंक्शन स्टेशन पहुंचा।
डब्लू.ए.जी.-12 के नाम से जाने जाने वाला भारतीय रेल का यह सबसे शक्तिशाली इलेक्ट्रिक इंजन है। मालगाड़ियों के संचलन में क्रांति लाने वाले इस इलेक्ट्रिक इंजन से भारी मालवाहक गाड़ियों का सुरक्षित ढंग एवं तेज गति से संचलन संभव है। यह इलेक्ट्रिक इंजन 6000 टन का भार को अधिकतम 120 किमी प्रति घंटा की गति...
more... से खींच सकता है।अभी तक सबसे अधिक भार खींचने वाले इस इलेक्ट्रिक इंजन की क्षमता 12000 हॉर्सपॉवर है। यह अभी तक का सबसे शक्तिशाली विद्युत इंजन है।
पूरी तरह से कंप्यूटराइज्ड यह इलेक्ट्रिक इंजन इंसुलेटेड गेट बाइपोलर ट्रांजिस्टर (आई.जी.बी.टी.) प्रोपल्शन तकनीक से युक्त है। इस इंजन में लगे री - जेनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम के उपयोग से ऊर्जा की खपत में काफी बचत होती है।
इस लोकोमोटिव में लोको पायलट के लिए ए.सी. कैब की व्यवस्था है तथा इंजन कंप्यूटराइज्ड होने के कारण लोको एवं लोको पायलट की कार्यदक्षता स्वतः बढ़ जाती है।
यह इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव डबल कैब में उपलब्ध है एवं नवीनतम तकनीक पर आधारित है जो मालगाड़ी के संचलन को बहुत ही सुविधाजनक बनाती है। इस लोकोमोटिव का निर्माण मेक इन इंडिया पालिसी के तहत मधेपुरा स्थित लोकोमोटिव फैक्टरी में किया गया।