देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के ऐतिहासिक मुंबई सेंट्रल स्टेशन का अब नाम बदलने वाला है. जल्द ही इस स्टेशन को लोग नए नाम से देख सकेंगे. महाराष्ट्र विधानसभा ने शुक्रवार को इस संबंध में प्रस्वात पारित कर दिया है. प्रस्वात के मुताबिक़ अब इस स्टेशन को नाना शंकर सेठ टर्मिनस के नाम से जाना जाएगा. शुक्रवार को जब इस संबंध में सदन में प्रस्ताव पेश किया गया तो उसे सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई.
महाराष्ट्र की सत्ता में काबिज शिवसेना लंबे समय से मुंबई सेंट्रल का नाम बदलकर शंकरसेठ के नाम पर करने की मांग कर रही थी. शुक्रवार को प्रस्ताव विधानसभा में पारित हो गया. जगन्नाथ शंकरसेठ एक उद्योगपति और शिक्षाविद् थे. वह भारत की पहली रेलवे कंपनी...
more... के पहले निदेशकों में से एक थे.
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बता दें कि शिवसेना लंबे समय से मुंबई समेत अन्य लोकल रेलवे स्टेशन के नामों का बदलने की मांग कर रही थी. उसका तर्क है कि ये नाम ब्रिटिश काल के हैं और इनको स्थानीय नाम देने की जरूरत है. इसको लेकर साल 2017 में शिवसेना के प्रतिनिधिमंडल ने तत्कालीन गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात भी की थी.
ऐतिहासिक मुंबई सेंट्रल
ऐतिहासिक मुंबई सेंट्रल
इससे पहले एलिफिंस्टन रोड का नाम बदलकर प्रभा देवी किया गया था. वहीं, 1995 से 1999 के बीच विक्टोरिया टर्मिनस का नाम बदलकर सीएसटी कर दिया गया था. इसी का नाम बदलकर और बाद में सीएसएमटी यानी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस किया गया.
आपको बता दें कि नाना शंकरसेठ का मूल नाम जगन्नाथ शंकर मुरकुटे है. वह भारत की पहली रेल कंपनी ग्रेड इस्टर्न रेलवे के पहले निदेशकों में एक रहे हैं. इसी वजह से कई लोग उन्हें भारतीय रेलवे का जनक भी बुलाते हैं. नाना शंकर का जन्म 10 फ़रवरी 1803 को मुंबई के पास मुरबाड़ में एक संपन्न परिवार में हुआ था. नाना शंकरसेठ ने सामाजिक कार्यों में अपनी रुचि के ज़रिए बाद के वर्षों में काफी प्रतिष्ठा हासिल की.