उत्तर-पश्चिम रेलवे के अजमेर रेल मंडल में पहले डबल डिस्टेंट सिग्नल सिस्टम की शुरुआत कर दी गई है। यह शुरुआत हुई है सोजतरोड व चंडावल स्टेशन के बीच 30 किलोमीटर के फासले में। डबल डिस्टेंट सिग्नल सिस्टम की बदौलत इस रेल खंड में आगामी दिनों में रेलें 140 की रफ्तार से दौड़ाना संभव हो सकेगा। इस सिस्टम से रेल खंड में लोको पायलट को दो किमी पहले ही संकेत मिल सकेंगे कि उसे आगे कौनसा सिग्नल मिलने वाला है। इससे रेल की रफ्तार नहीं टूटेगी और उसे अपनी गति पर निर्धारित किया जा सकेगा। अजमेर रेल मंडल में अजमेर से पालनपुर के बीच 354 लम्बे ट्रेक पर रेलवे बोर्ड डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण करवा रहा है। हाल ही में इस रेल खंड का मारवाड़ जंक्शन से सोजत रोड स्टेशन तक का 34 किमी लम्बा ब्लॉक इस सिस्टम से जोड़ा गया है। अब अन्य ब्लॉक पर यह काम किया जा रहा...
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यह है सिस्टम की खासियत
मौजूदा सिग्नल के अलावा नए सिस्टम में आउटर सिग्नल के संकेत इनर सिग्नल से एक किमी पहले स्थित होते हैं। दोनों आउटर सिग्नल और आउटर सिग्नल अनुमोदक संकेत होते हैं और गाडिय़ों को हमेशा इसके सबसे अधिक प्रतिबंधात्मक संकेतों के माध्यम से ही संचालित किया जाता है। डबल डिस्टेंट सिग्नल सिस्टम के फलस्वरूप ट्रेन ड्राइवर स्टेशन के बहुत पहले सिग्नल को देख पाएंगे। इससे उन्हें ट्रेन की गति को बनाए रखने में मदद मिलेगी और ट्रेन संचालन के सुरक्षा पहलू में बढ़ोतरी हो सकेगी। इस व्यवस्था के तहत चेतावनी (वार्निंग) सिग्नल बोर्ड की आवश्यकता नहीं होगी। उत्तर पश्चिम रेलवे में अजमेर पहला मंडल है, जहां डबल डिस्टेंट सिग्नल सिस्टम की शुरुआत की गई है।
मिशन रफ्तार का हिस्सा
रेल मंत्री के मिशन रफ़्तार कार्यक्रम के तहत अजमेर रेल मंडल में अजमेर-पालनपुर के बीच इनदिनों काम जोरों पर चल रहा है। इस रेल खंड में सोजत रोड से चंडावल स्टेशन के बीच डबल डिस्टेंट सिग्नल सिस्टम शुरू कर दिया गया है। यह सिस्टम अजमेर से पालनपुर खंड में 354 किमी तक स्थापित किया जाएगा।
-अशोक चौहान, पीआरओ, रेल मंडल अजमेर