नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एक प्रमुख नीतिगत बदलाव के तहत रेल मंत्रालय ने रेलवे स्टेशनों के वर्गीकरण के पुराने तरीके को बदलकर नया तरीका अपनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत स्टेशनों का वर्गीकरण केवल राजस्व के मुताबिक करने के बजाय राजस्व तथा यात्री संख्या दोनों के आधार पर होगा। इस लिहाज से अब स्टेशनों के तीन समूह तथा 12 उप समूह होंगे।
तीन समूहों में गैर-उपनगरीय या नॉन सबर्बन (एनएसजी), उपनगरीय (एसजी) या सबर्बन तथा स्थगन या हाल्ट (एचजी) स्टेशन शामिल हैं। गैर-उपनगरीय या नॉन-सबर्बन स्टेशनों को छह उपसमूहों में बांटा गया है। सालाना 500 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व तथा दो करोड़ रुपये से अधिक यात्रियों की आवक वाले स्टेशनों को एनएसजी1 स्टेशन माना जाएगा। जबकि 100-500 करोड़ की आमदनी...
more... व 1-2 करोड़ यात्री वाले स्टेशन को एनएसजी2 में रखा जाएगा।
एनएसजी3 स्टेशन वो होगा जहां 20-100 करोड़ रुपये आमदनी के साथ 50 लाख-1 करोड़ यात्री आते हों। इसी प्रकार एनएसजी4 (10-20 करोड़ रुपये, 20-50 लाख यात्री), एनएसजी5 (1-10 करोड़ रुपये, 10-20 लाख यात्री) तथा एनएसजी6 (1 करोड़ रुपये, 10 लाख यात्री) का वर्गीकरण किया गया है।
उपनगरीय स्टेशनों के तीन उपसमूह होंगे। इनमें 25 करोड़ से अधिक आमदनी व 3 करोड़ यात्री वाला स्टेशन एसजी1 कहलाएगा। जबकि 10-25 करोड़ आमदनी व 1-3 करोड़ यात्री वाले स्टेशन को एसजी2 में रखा जाएगा। इसी तरह 10 करोड़ तक आमदनी व एक करोड़ यात्री होने पर उपनगरीय स्टेशन एसजी3 में गिना जाएगा। हाल्ट स्टेशन के भी तीन उपसमूह हैं। 50 लाख रुपये आमदनी व 3 लाख से अधिक यात्री वाला हाल्ट स्टेशन एचजी1 में, 5-50 लाख रुपये आमदनी व 1-3 लाख यात्री वाला एचजी2 में तथा 5 लाख रुपये आमदनी व एक लाख तक यात्री वाला स्टेशन एचजी3 में शुमार होगा।
अभी देश में कुल 8613 रेलवे स्टेशन हैं। इनमें 5976 गैर-उपनगरीय, 484 उप-नगरीय तथा 2153 हाल्ट स्टेशन हैं। अभी तक इन सभी स्टेशनों को आमदनी व यात्री के अनुसार ए1, ए, बी, सी, डी, ई तथा एफ श्रेणियों में वर्गीेकृत किया जाता था।