अररिया। फारबिसगंज सहरसा ब्रॉडगेज आमान परिवर्तन के निर्माण का काम नरपतगंज प्रखंड मे लगातार शिथिलता बरते जाने से आगामी वर्षो में पूरा होते नहीं दिख रहा है जबकि ईस्टर्न सेंट्रल रेलवे द्वारा इस आमान परिवर्तन के काम को महज चार वर्षों में पूरा कर दिए जाने का दावा किया गया था यहां बता दें कि आठ जनवरी 2012 से फारबिसगंज सहरसा रेल लाइन पर ट्रेनों के परिचालन बंद किए गए थे निर्धारित समय से एक वर्ष से अधिक का समय गुजर जाने के बाद भी अभी मिट्टी भराई पुल का निर्माण स्लीपर के साथ-साथ रेल लाइन बिछाने का काम विगत सात माह से बंद परा हुआ है। वहीं दूसरी ओर इस रेल लाइन के तहत पड़ने वाले रेलवे स्टेशनों के भवनों का भी खस्ता हाल है यात्री शेड जर्जर हो चुके हैं जबकि भवन जगह-जगह दरारों से भरा पड़ा हुआ है सूत्रों की माने तो निर्माणाधीन कंपनी जिस पर मिट्टी भराई...
more... और पुल निर्माण करने का जिम्मा था समय पर भुगतान नहीं किए जाने से विगत सात माह से काम बंद कर न्ययालय कि शरण में है। वही शिथिल गति से हो रहे निर्माण कार्य कि वजह से आम लोगो को अधिक पैसे खर्च कर भी यात्रा में सहूलियत के बजाय लम्बी दुरी तै करने के साथ साथ परेशानी उठानी पर रही है।
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कौन से पुल है अधूरे - फारविसगंज से नरपतगंज के बीच देवीगंज के निकट आरनाम धार पर पुल संख्या 92 का अबतक पाया का निर्माण शुरू भी नहीं हुआ है वही मिरचैया धार पर पुल संख्या 52 चकरदाहा स्टेशन से सटे ब्रिज संख्या 113 और 114 तथा सुरसर नदी पर बन रहे ब्रिज आज भी अधूरे है। वही बाकि के पुल पुलियों के रेलवे ब्रिज के स्ट्रक्चर का पुल के पाया के साथ अटेचमेंट का काम भी लगभग अधूरा परा हुआ है। जिसके निर्माण में पुर्ण होने में लम्बे समय लगने से इंकार नहीं किया जा सकता। बाहर हाल फारबिसगंज सहरसा रेल लाइन आमान परिवर्तन का कार्य जल्द पूरा करने को ले फारबिसगंज अनुमंडल के कई संगठनों ने शाजहां शाद, रमेश ¨सह, अभिषेक ¨सह, आदि के नेतृत्व में पैदल यात्रा हस्ताक्षर अभियान तथा धरना प्रदर्शन कर आवाज बुलंद की पर आज तक वैसे आंदोलनों पर भी रेलवे विभाग के अधिकारी सुनकर अनसुना बनने का ढोंग करते आ रहे हैं जिससे आम जनमानस में भारी आक्रोश पनप रहा है