ररत भर लोग बिलबिलाते रहे श्टेशन दर श्टेशन शिकायत करते रहे और कोई सुनवाई नहीं हुई,
एक ओर जहाँ मौसम भयानक रूप से गर्म है वहां घुटन भरे डिब्बे में यात्रा करने वाले का हाल क्या होगा सहज ही सोचा जा सकता है .
और जब पब्लिक बिगड़ गयी तो आप ज्ञान दे रहे हैं.
पंद्रह से ज्यादा घंटे का टॉर्चर होने पे ये...
more... नतीजा स्वाभाविक है.
पी आर ओ का कमेन्ट उनकी संवेदन हीनता को दर्शा रहा है और रेल के खस्ता हाल को उजागर भी कर रहा है.