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इंदौर। आने वाले तीन-चार महीने में सुपरफास्ट और एक्सप्रेस ट्रेनों को लक्ष्मीबाई नगर पर नहीं रुकना पड़ेगा। इससे यात्रियों को राहत मिलेगी। दरअसल फतेहाबाद-इंदौर गेज कन्वर्जन के तहत पुराने एक नंबर प्लेटफॉर्म को बड़ी लाइन के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। इससे बड़ी लाइन की क्षमता एक से बढ़कर तीन हो जाएगी और मेन लाइन भी फ्री रहेगी। साथ ही 26 कोच का एक प्लेटफॉर्म भी तैयार किया जा रहा है।
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more... दो-तीन साल से इंदौर आने वाले यात्री खासकर उज्जैन-देवास-इंदौर के बीच लगने वाले ज्यादा समय से बेहद परेशान हैं। ट्रेनें बढ़ने और उज्जैन-इंदौर के बीच सिंगल लाइन होने के कारण सुपरफास्ट, एक्सप्रेस को भी पैसेंजर ट्रेन जैसा ट्रीटमेंट दिया जा रहा है। हालत यह है कि स्टॉपेज नहीं होने के बावजूद मालवा सुपरफास्ट, निजामुद्दीन इंटरसिटी एक्सप्रेस, कभी-कभी अवंतिका या पुणे एक्सप्रेस व अन्य ट्रेनों को भी लक्ष्मीबाई नगर सहित अन्य स्टेशनों पर रोकना पड़ता है। कभी-कभी तो लक्ष्मीबाई नगर में ट्रेन आधा-पौन घंटे से ज्यादा समय तक खड़ी रहती है।
चार बड़े इंतजाम दूर करेंगे तकलीफ
- लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन पर अब तक बड़ी लाइन की ट्रेन खड़ी करने के लिए एक प्लेटफॉर्म है और एक ट्रैक मेनलाइन का है, जिससे ट्रेन क्रॉस होती हैं। अब इनके साथ दो अतिरिक्त लाइन तैयार की जा रही हैं।
- इंदौर स्टेशन पर अभी बड़ी लाइन के तीन प्लेटफॉर्म हैं। गेज कन्वर्जन के तहत दो नंबर प्लेटफॉर्म खत्म होगा और एक नंबर प्लेटफॉर्म बड़ी लाइन में बदलेगा। इसके अलावा राजकुमार ब्रिज के पास बन रहे आयलैंड प्लेटफॉर्म को मिलाकर कुल प्लेटफॉर्म संख्या छह हो जाएगी।
- गेज कन्वर्जन के तहत लक्ष्मीबाई नगर से इंदौर के बीच दोहरी बड़ी लाइन उपलब्ध हो जाएगी। इससे न केवल ट्रेनें एक समय में दोनों ओर गुजर सकेंगी, बल्कि एक दिशा में एक साथ आ-जा सकेंगी।
- देवास से इंदौर के बीच बिंजाना को क्रॉसिंग स्टेशन में बदलने का काम शुरू हो गया है। नया स्टेशन बनने से क्रॉसिंग लाइन मिलेगी और ट्रेनों को अपेक्षाकृत कम इंतजार करना पड़ेगा।
दो-तीन महीने लगना तय
अभी रेलवे का निर्माण विभाग प्लेटफॉर्म एक और दो पर बड़ी लाइन ट्रैक, स्लीपर और गिट्टी बिछाने का काम कर रहा है। नया प्लेटफॉर्म बनाने और पुराने को ऊंचा करने का काम भी किया जा रहा है। इस ट्रैक को भी विद्युतीकृत किया जाएगा जिसका काम तो अभी शुरू ही नहीं हुआ है। सूत्रों का कहना है कि काम पूरा होने में दो-तीन महीने हर हाल में लगेंगे। दो और तीन नंबर प्लेटफॉर्म 24-24 कोच की ट्रेन खड़ी करने की क्षमता वाले होंगे।
तकनीकी दिक्कतें दूर होंगी
लक्ष्मीबाईनगर स्टेशन के साथ इंदौर स्टेशन की क्षमता भी बढ़ाई जा रही है। इससे इंदौर आने वाली ट्रेनों को अनावश्यक खड़ा नहीं करना पड़ेगा। यह सब यात्री सुविधाओं के लिए किया जा रहा है। कोशिश है कि तय समय सीमा 31 दिसंबर तक सारे काम पूरे कर दिए जाएं।
- जितेंद्रकुमार जयंत, वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी, पश्चिम रेलवे