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"सदियों पहले सूफी संत निजामुद्दीन औलिया ने कहा था कि हनोज दिल्ली दूर अस्त (अभी दिल्ली दूर है)। जिलेवासी डायरेक्ट ट्रेन के अभाव में दिल्ली को दूर ही महसूस करते थे। परंतु शुक्रवार को ममता दीदी की रहमदिली से कहा जा सकता है कि अब दिल्ली दूर नहीं है। रेल बजट में शेरशाह सूरी एक्सप्रेस सासाराम से दिल्ली के लिए साप्ताहिक ट्रेन की घोषणा, मगध व श्रमजीवी एक्सप्रेस जैसे ट्रेनों के रूट बदलकर सासाराम होकर दिल्ली चलने से दिल्ली यात्रा और सहज हो गयी है। इसके अलावा सासाराम में मल्टी फंक्शनल कम्पलेक्स के तहत होटल व मार्के टिंग कंपलेक्स बनाने की घोषणा अपने आप में बेहतर मानी जा रही है। ट्रेनों के ठहराव व परिचालन के लिए...
more... संघर्षरत चैंबर आफ कामर्स के धनंजय खण्डेवाल कहते हैं कि ये तो चमत्कार हो गया। आशा से ज्यादा मिला है। स्थानीय सांसद मीरा कुमार बधाई की पात्र है। मोटर पार्टस व्यवसायी राजेश सिन्हा कहते हैं कि दिल्ली आना जाना अब सहज हो गया। तीन-तीन ट्रेन एक साथ मिलने से व्यवसाय के लिए प्राय: राजधानी जाने वाले व्यवसायियों में खुशी है। दिल्ली में कार्यरत बैंक प्रबंधक आनंद कहते हैं कि यह उनके अभिभावकों तथा परिवार के लिए खुशखबरी से कम नहीं है कि सासाराम से दिल्ली तक ट्रेन चलेगी। मुरादाबाद गांव के मनोज कुमार कहते हैं कि दिल्ली में रह रहे भाई के पास अब अनाज पहुंचाना सहज हो जाएगा। महाबोधि, पुरुषोत्तम एक्सप्रेस जैसी ट्रेनों में यह संभव नहीं था।"