डबल डेकर ट्रेन को ग्रीन सिग्नल
अगस्त के पहले सप्ताह में लखनऊ से दिल्ली के बीच हो सकता है ट्रायल
अमर उजाला ब्यूरो
लखनऊ । दो महीने से ट्रायल का इंतजार कर रही एसी डबल डेकर ट्रेन को आखिरकार रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) की हरी झंडी मिल गई है। अनुसंधान अभिकल्प व मानक संगठन (आरडीएसओ) ने भी पूर्वोत्तर रेलवे को इसकी गति सीमा सहित...
more... संरक्षा से जुड़ी रिपोर्ट सौंप दी है। अब रेलवे मंगलवार को अपने सभी अनुभागों के अधिकारियों का एक जॉइंट सेफ्टी सर्टिफिकेट रेल संरक्षा आयुक्त को भेजेगा। इसके बाद डबल डेकर ट्रेन के ट्रायल की तारीख तय की जाएगी।
पूर्वोत्तर रेलवे को रेल कोच फैक्ट्री कपूरथला से अप्रैल में एसी डबल डेकर ट्रेन का एक रैक आवंटित किया गया था। यह रैक 14 मई को लखनऊ के गोमतीनगर रेलवे स्टेशन भेज दिया गया था। चेयरकार श्रेणी वाली डबल डेकर ट्रेन को पहले लखनऊ से गोरखपुर के बीच चलाने की योजना थी। रेलवे ने इस रेलखंड पर कम यात्री मिलने का अंदेशा जताते हुए लखनऊ से नई दिल्ली के बीच एसी डबल डेकर ट्रेन चलाने का प्रस्ताव बनाया।
डबल डेकर ट्रेन को अगले बजट तक बतौर स्पेशल ट्रेन चलाया जाएगा। विशेष तरह की बोगियां होने के कारण इस ट्रेन का लखनऊ से मुरादाबाद के रास्ते दिल्ली तक भौतिक ट्रायल किया जाना है। इस ट्रायल में रेल संरक्षा आयुक्त पूर्वोत्तर जोन पीके वाजपेयी, आरडीएसओ के विशेषज्ञ, पूर्वोत्तर रेलवे जोनल मुख्यालय और मंडल रेल मुख्यालय के अधिकारी हिस्सा लेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे ने रेल संरक्षा आयुक्त सेे पहले ही ट्रायल की अनुमति मांगी थी, लेकिन इस ट्रेन को लेकर आरडीएसओ को भी एक रिपोर्ट पूर्वोत्तर रेलवे को सौंपनी थी। गोरखधाम हादसे के बाद डबल डेकर ट्रेन को अनुमति देने का मामला ठंडा पड़ गया था। पिछले सप्ताह आरडीएसओ ने गति सीमा की रिपोर्ट रेलवे को भेज दी, जबकि रेल संरक्षा आयुक्त पीके वाजपेयी ने भी पिछले सप्ताह डबल डेकर के भौतिक ट्रायल की अनुमति दे दी है। अब पूर्वोत्तर रेलवे से जॉइंट सेफ्टी सर्टिफिकेट मिलते ही डबल डेकर के ट्रायल की तिथि घोषित होगी।
रेलवे ने दोबारा भेजा इस्टीमेट
मिलेगा विशेष बजट
विशेष बजट के लिए रेलवे ने टर्मिनल का नए सिरे से नक्शा बनाकर उसकी अनुमानित लागत का प्रस्ताव भेजा है। अनुमानित लागत के आधार पर पूर्वोत्तर रेलवे के निर्माण मुख्यालय ने नए सिरे से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। सितंबर तक टेंडर प्रक्रिया पूरी होगी। सूत्रों के अनुसार अब गोमतीनगर टर्मिनल पर दो अतिरिक्त प्लेटफाॅर्म, स्टेशन भवन, यात्री विश्रामालय,टिकट बुकिंग काउंटर, वॉशिंग लाइन, रेलवे कर्मचारियों के आवास, भूमिगत पार्किंग और अन्य सुविधाओं के लिए अनुमानित लागत 120 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।
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गोमतीनगर टर्मिनल का निर्माण दो माह में फिर शुरू होगा
लखनऊ (ब्यूरो)। सात माह से धन की कमी के चलते ठप पड़े गोमतीनगर टर्मिनल का निर्माण कार्य सितंबर से फिर शुरू हो जाएगा। रेलवे विशेष बजट से टर्मिनल के दो नए प्लेटफॉर्म और अन्य निर्माण कराएगा। रेल मंत्रालय के आदेश के बाद टर्मिनल का नक्शा और इसकी अनुमानित लागत का ब्यौरा पूर्वोत्तर रेलवे डीआरएम मुख्यालय ने गोरखपुर स्थित जोनल निर्माण मुख्यालय को भेज दिया है। जोनल निर्माण मुख्यालय सितंबर तक टर्मिनल के नए निर्माण की टेंडर प्रक्रिया पूरी कर लेगा।
दिसंबर 2013 में कुल 100 करोड़ के बजट वाले गोमतीनगर टर्मिनल के पहले चरण के लिए रेलवे ने 11 करोड़ रुपये से दो अतिरिक्त प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया था। यहां लाइन बिछाकर गोमतीनगर हॉल्ट को स्टेशन का दर्जा दे दिया गया था। पहले चरण का बजट खत्म होने के बाद रेलवे को अंतरिम बजट और रेल बजट में शेष 89 करोड़ रुपये में से लगभग 40 करोड़ मिलने की उम्मीद थी। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने रेल बजट से पहले रेलमंत्री सदानंद गौड़ा को पत्र लिखकर गोमतीनगर टर्मिनल का काम तीन माह में पूरा करने के लिए बजट देने की मांग की थी। उनकी मांग पर अंतरिम व रेल बजट में तीन करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। इस बजट से सितंबर तक प्लेटफार्मों का निर्माण शुरू कर देगा, जबकि दिसंबर तक विशेष बजट मिलने की उम्मीद है।
गोमतीनगर टर्मिनल के निर्माण के लिए नक्शे और एस्टीमेट का ब्यौरा निर्माण मुख्यालय को भेजा गया है। उनकी ओर से टेंडर प्रक्रिया सितंबर तक पूरी होने की संभावना है। विशेष बजट मिलने तक रेलवे गोमतीनगर टर्मिनल के प्लेटफाॅर्म के काम को शुरू कर देगा।
-अनूप कुमार
डीआरएम पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ