रेल कर्मचारियों के साथ-साथ गांव के लोगों का कहना है कि इन रेल पटरियों के आपस में चिपकने या एक-दूसरे की ओर खिंचने की प्रक्रिया को रोकने के लिए कई प्रयास किए गए, परन्तु सभी कोशिश नाकाम हुए. इन पटरियों को आपस में चिपकने से रोकने के लिए मोटी-मोटी लकड़ी का सहारा लिया गया, इतना ही नहीं सामान्य से अधिक लोहे की क्लिप भी पटरियों को चिपकने से नहीं रोक सकी. ऐसा 15-20 फीट की लंबाई में ही हो रहा है.