दीघा-सोनपुर ब्रिज सह रेल लाइन परियोजना के बेस कैंप से लगातार रही आवाज यह एहसास करा रही है कि काम तेजी से चल रहा है। हर दो मिनट पर एक डंफर के आने-जाने का सिलसिला जारी है। रेलवे लाइन बिछाने से पहले बनाए जा रहे बांध के लिए डंफर से रेत की ढुलाई हो रही है। पहलेजा से गंगाजल, भरपुरा, जहांगीरपुर, दुधैला और सोनपुर तक जगह-जगह सीमेंटेड स्लीपर गिराए गए हैं। गंगाजल गांव के सामने पहलेजा स्टेशन का काम तेजी से चल रहा है। सेफ्टी वॉल, फुटओवरब्रिज, प्लेटफॉर्म समेत अन्य काम चल रहा है। अंडर पास बनाने ट्रैक बिछाने का काम जारी है। कुल मिला कर रेल लाइन का काम रफ्तार में है। बाधाएं भी कम रह गई हैं। बावजूद तय समय सीमा जून, 2015 तक दीघा-सोनपुर के बीच रेल चलेगी, इसमें संशय है। गुरुवार को दैनिक भास्कर की पड़ताल में यही तल्ख हकीकत सामने आई।
लगसकता...
more... है एक साल और : पहलेजारेलवे स्टेशन के निर्माण में लगे एक इंजीनियर के अनुसार, काम रात में भी चल रहा है। पहले से घोषित समय सीमा पहले ही पार हो चुकी है। दूसरी डेडलाइन जून है। लेकिन, इतने कम दिनों में काम पूरा होना संभव नहीं है। कम-से-कम एक साल का समय और लगेगा। उन्होंने बताया कि बुधवार को कुछ किसानों ने काम रुकवा दिया था। किसान इस परियोजना के लिए ली गई जमीन के बदले मुआवजे और नौकरी की मांग कर रहे हैं। हालांकि, गुरुवार को किसानों का विराेध कहीं नहीं दिखा।
यह भी जानिए
{गंगामें दीघा-सोनपुर ब्रिज की लंबाई 4.56किलोमीटर
{गंगा में ब्रिज के सारे स्पैन जुड़ गए हैं, फिनिशिंग का काम जारी
{ब्रिज पर रेलवे ट्रैक बिछाने का काम अंतिम दौर में, सड़क का काम आधा हुआ है
फायदाक्या
ब्रिजचालू होने से सोनपुर, वैशाली, छपरा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, सीवान, गोरखपुर, वीरगंज, रक्साैल समेत बिहार के सीमावर्ती इलाके सीधे पटना से जुड़ जाएंगे। अभी महात्मा गांधी सेतु खस्ताहाल है। ब्रिज बनने के बाद गांधी सेतु पर वाहनों का लोड कम हो जाएगा। पटना से सोनपुर की दूरी 10-15 मिनट में तय होगी।
पहलेजा से सोनपुर तक सब क्लीयर है
भरपुराडीह के पास रेलवे ट्रैक का टर्निंग प्वाइंट है। बाईं तरफ वाली लाइन छपरा तरफ वाली मेन लाइन में जुड़ेगी। जबकि, दाहिनी तरफ वाली लाइन छपरा- सोनपुर मेन लाइन के किनारे-किनारे सोनपुर तक बिछाई जाएगी। पहलेजा से सोनपुर तक कोई बाधा नहीं है। क्योंकि, भरपुरा में रेलवे द्वारा अधिगृहित जमीन पर जो झोपड़ियां थीं, उनमें से कई रेलवे और जिला प्रशासन के अधिकारियों के आश्वासन पर किसानों ने हटा ली है। छपरा तरफ जाने वाली रेलवे लाइन की राह से भी कुछ झोपड़ियों और छोटे मकानों को हटाया गया है, लेकिन अब भी कई छोटे-बड़े मकान हटाए जाने हैं।
इन मकानों को तोड़ना होगा। यहां के लोग मुआवजा नौकरी चाहते हैं। इस प्रक्रिया में भी देर हो रही है। (लालघेरे में)
^वर्क लैंड लूजर पॉलिसी के तहत जिनकी जमीन जाती है, उन्हें मापदंड के अनुसार मुआवजा दिया जाता है। बुधवार को पहलेजा स्टेशन और दीघा-सोनपुर एप्रोच रेल ट्रैक का काम गंगाजल गांव के लोगों ने रोका था। यह उनका सांकेतिक विरोध था। मुआवजे की 20 फीसदी राशि बकाया है। कुछ लोग नौकरी की मांग भी कर रहे हैं। मापदंड के दायरे में आने वालों को नौकरी भी मिल सकती है। भरपुरा में कुछ लोग अभी भी अपने मकान नहीं हटाने पर अड़े हुए हैं। अरविंदकुमार रजक, सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल