डीएफसीसी का मदार अजमेर से पालनपुर इकबालगढ़ तक का ट्रैक पूरा बिछ चुका है। अब सिग्नल और विद्युतीकरण का काम पूरा होने के बाद ही इस पर मालगाड़ियां दौड़ पाएंगी। कोरोना के कारण प्रोजेक्ट में मजदूरों की कमी आ गई थी, दावा किया जा रहा है कि मार्च 2021 तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा।
अजमेर से इकबालगढ़ तक 350 किमी की दूरी है। इसमें दोनों तरफ के ट्रैक का काम पूरा कर लिया गया है। मदार से आदर्श नगर तक ट्रैक बिछाने, विद्युतीकरण की लाइनें खींची जाने समेत अन्य काम भी किए जा चुके हैं। इस ट्रैक को जापानी मशीनों के जरिए डाला जा रहा है।
मारवाड़...
more... से आगे लाइनों को विद्युतीकृत करने के लिए पोल लगाने, वायरिंग करने, सिग्नलिंग का काम किया जा रहा है। अजमेर से इकबालगढ़ तक मांगलियावास, हरिपुर, मारवाड़, सिरोही, फालना ट्रांसमिशन सब स्टेशन का काम भी चल रहा है। भारतीय रेलवे बोर्ड की ओर से भी अब सख्ती से आदेश दिए जा चुके हैं कि अगले वित्तीय वर्ष से पहले यह काम पूरा कर लिया जाए।
एक मालगाड़ी ढोएगी 325 ट्रकों का लदान, 24 घंटे में तय होगा दिल्ली से मुंबई का सफर
डीएफसीसी ट्रैक पर एक मालगाड़ी 325 ट्रकों का लदान लेकर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक दौड़ेगी। 1484 किमी की दूरी यानी मुंबई से दिल्ली तक का सफर 24 घंटे में तय कर लेगी। अजमेर परियोजना क्षेत्र में 342 किमी ट्रैक बिछाने का काम हो रहा है। जयपुर परियोजना में किशनगढ़ से रेवाड़ी तक का काम पहले ही पूरा हो चुका है।
प्रोजेक्ट : मदार से इकबालगढ़
डबल ट्रैक : 342 किमी
प्रोजेक्ट : 5500 करोड़
बड़े ब्रिज : 94
छोटे ब्रिज : 510
आरयूबी : 130
इनका कहना है
मदार से इकबालगढ़ तक दोनों ओर के ट्रैक पूरे बिछाए जा चुके हैं। अब मारवाड़ से इकबालगढ़ तक सिग्नलिंग, विद्युतीकरण एवं ट्रांसमिशन सब स्टेशनों पर काम किया जा रहा है। मार्च 2021 तक यह काम पूरा किया जाएगा।
-सुनील सिंह, चीफ प्रोजेक्ट मैनेजर, अजमेर