रेलिंग टूट गयी है। जिसको मरम्मत करके ठीक कर दिया जायेगा। नया अच्छे ढाल वाला पुल शायद नहीं बनेगा। जिसने भी यह पुल बनाया है पता नहीं किस दिमाग का होगा। यह भी नहीं सोचा लोग इस संकरे और खड़े पुल पर कैसे जायेंगे। पदयात्रा करने के लिए तो यह पुल ठीक है। बाकी सब तो ज़बरदस्ती जाते हैं। लोकशेड और डबल फाटक वाले पुल पर तो साइड में रोक कर कोई भी आराम से बात कर सकता है। लेकिन कपूर कंपनी वाले पुल पर अगर रोका तो सीधे नीचे गिरेंगे क्योंकि खड़ा पुल है। अगर कपूर कंपनी का यह पुल ठीक से बन जाये तो कार, बस, ट्रक से लोगो को लम्बा राउंड नहीं लगाना पड़ेगा। सिटी साइड से लाइन पार उतरकर प्रकाश नगर चौराहे से सीधे दिल्ली रोड से मिल सकेंगे। सुरक्षा की दृष्टि से यह तो बिलकुल बेकार पुल है। इसका ढांचा बिलकुल बेकार है। इतना खड़ा...
more... और संकरा पुल है। बीच में किसी को अगर एमरजेंसी हो तो रोक नहीं सकता। कितना पैसा बर्बाद किया होगा जिसने भी बनवाया होगा इसको। लोकशेड और डबल फाटक वाला पुल इससे कई गुना बेहतर है। कार, बाइक, स्कूटर, बस, ट्रक आसानी से चल सके, ऐसा पुल तो होता कम से कम।