शिप्रा एक्सप्रेस का रूट बदलने की तैयारी
केंद्र सरकार बुंदेलखंड क्षेत्र के लोगों को रेल सुविधाएं देने के बजाए कटौती करने की तैयारी में है। रेलवे में दिनों दिन नेताओं की दखलंदाजी बढ़ने से प्रभावशाली नेता अपने-अपने क्षेत्र से ट्रेनों को चलवाने में रुचि लेने लगे हैं। इसी वजह से कटनी, दमोह, सागर, बीना के लोगों को रीवा- नागपुर ट्रेन मिल नहीं सकी और सागर से सप्ताह में तीन दिन गुजरने वाली इंदौर-हावड़ा शिप्रा एक्सप्रेस का भी रूट बदलने की तैयारी की जा रही है।
एक जुलाई से रेलवे ने नई समय...
more... सारणी लागू कर दी है। रेलवे ने बीना-कटनी रूट से कोई नई ट्रेन नहीं दी। रेलवे से जुड़े लोगों का कहना है जबलपुर-नागपुर के बीच पहले से ही एक्सप्रेस ट्रेन चलाई जा रही है। पिछले साल राजनीतिक हस्तक्षेप के चलते रीवा से नागपुर के लिए प्रस्तावित ट्रेन को कटनी-दमोह- सागर न होकर जबलपुर रूट से चला दिया गया। सागर के पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव ने इस ट्रेन को सप्ताह में तीन दिन कटनी-दमोह-सागर होकर चलाने का प्रयास किया। रेल मंत्री से लेकर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से मिले, लेकिन जबलपुर सांसद राकेश सिंह का पलड़ा भारी होने से यह ट्रेन सागर के लोगों को नहीं मिल पाई। अब सांसद राजबहादुर सिंह का कहना है इस संबंध में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन से बात करेंगे।
जबलपुर के नेताओं ने रूट बदलने भेजा प्रस्ताव
दो साल पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भोपाल में एक कार्यक्रम में इंदौर-हावड़ा के बीच चलने वाली साप्ताहिक एक्सप्रेस को डेली चलाए जाने की घोषणा की थी। इस घोषणा पर अमल हुआ भी नहीं कि इसी दौरान जबलपुर क्षेत्र के नेताओं से इस ट्रेन को रूट बदलकर भोपाल, इटारसी होकर चलाने का प्रस्ताव भेज दिया। बोर्ड में प्रस्ताव लंबित है। चर्चा तो यह है कि लोकसभा चुनाव बीच में आ जाने से प्रस्ताव को अमल में नहीं लाया गया वरना यह ट्रेन का रूट बदल जाता।
केंद्र में बुंदेलखंड से सक्षम नेतृत्व का अभाव
लोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष समाजवादी नेता रघु ठाकुर का कहना है रेल मंत्रालय में बुंदेलखंड से संबंधित कई योजनाएं सालों से लंबित है। केंद्र में बुंदेलखंड से सक्षम नेतृत्व के अभाव में उक्त योजनाओं पर अमल नहीं हो सका। वे 16-17 सितंबर को दक्षिण के लिए सीधी रेल सेवा शुरू करने, रीवा नागपुर एक्सप्रेस ट्रेन को सप्ताह में तीन दिन सागर होकर चलाने और शिप्रा एक्सप्रेस को इसी रूट से डेली चलाने की मांग को लेकर दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना आंदोलन कर, रेल मंत्री को स्मरण पत्र देंगे।