बीते दो हफ्तो के दौरान कम्प्यूटर के जरिए ई टिकट बुक कराने वालों की मौज हो गई है क्योंकि इस दौरान यात्रियों ने टिकट तो बुक कराए लेकिन बैंक एकाउंट से उनका पैसा नहीं कटा। इन ट्रेनों में राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस जैसी ट्रेने भी शामिल थी। और यह सब सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी के कारण हुआ जिससे रेलवे को करोड़ो रुपए का चूना लगा। इस बात का पता लगने में भी अधिकारियों को काफी टाइम लगा लेकिन जब पता लगा कि रेलवे की टिकटें मुफ्त में बिक रही है तो आनन फानन में वेबसाइट को बंद किया गया। 8-24 जुलाई के बीच रेलवे के कितने टिकट बेचें और इससे रेलवे को कितने का चूना लगा इसके बारे में रेलवे अधिकारी फिलहाल कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
रेलवे...
more... का यह पोर्टल यात्रियों के बीच काफी लोकप्रिय था कारण इस पोर्टल पर टिकट बुक कराने का चार्ज आईआरसीटीसी से काफी कम था रेलवे जहां एसी क्लास पर 10 रुपए और स्लीपर क्लास पर 5 रुपए चार्ज करता है वहीं आईआरसीटीसी एसी के 20 रुपए और स्लीपर के 10 रुपए सर्विस चार्ज वसूलता है। सूत्रों की माने तो इस दो हफ्तो के दौरान रेलवे को तकरीबन 2.5-3 करोड़ रुपए की चपत लग गई होगी। इस वेबसाइट की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस पर पहले हफ्ते में 50 हजार लोगों ने पंजीकरण कराया जबकि दूसरे हफ्ते में यह संख्या डेढ़ लाख हो गई।