विकलांग यात्रियों को रेलवे ने यात्रा में छूट है। हालांकि अब तक रियायत की यह सुविधा केवल रेलवे के आरक्षण केंद्र से रिजर्वेशन कराने पर ही मिलती थी। इसके लिए उनके दस्तावेज की भी जांच की जाती थी। ई- टिकट में रियायत का प्रावधान नहीं था। ऐसी स्थिति में यदि विकलांग यात्रियों को छूट चाहिए, तो उन्हें आरक्षण केंद्र पर ही आना पड़ता था। जबकि ई- टिकट के जरिए वे घर बैठे ही रिजर्वेशन करा सकते हैं। इस बार रेल बजट में रेलकर्मी व कार्डधारकों को भी ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा देने की घोषणा की गई थी। कार्डधारकों में एक तरह से विकलांग यात्री भी आते हैं। जल्द ही यह यात्री भी घर बैठे ऑनलाइन रिजर्वेशन कर सकेंगे। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने आदेश भी जारी कर दिया है। इसके तहत जितने भी विकलांग यात्री हैं उनका यूनिक आई कार्ड बनाने का निर्देश दिए गए हैं। यह व्यवस्था नार्दन रेलवे में...
more... पहले ही प्रारंभ हो गई है। अब अन्य रेलवे में इसे लागू करने की तैयारियां है। बोर्ड के इस आदेश के तहत यूनिक आई कार्ड संबंधित रेल मंडल कार्यालय में बनेंगे। इस दौरान उन्हें एक यूनिक नंबर दिया जाएगा, जिसका उपयोग तब होगा जब ऑनलाइन बुकिंग करेंगे। उनसे यही नंबर पूछा जाएगा। इसके बाद अपने आप उन्हें जितनी छूट मिलती है, वह मिल जाएगी। यूनिक आई कार्ड बनाते समय उन्हें कार्मशियल इंस्टपेक्टरों से अपने दस्तावेज जांच कराने होंगे। विकलांगता प्रमाण पत्र की भी जांच की जाएगी, जो स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं।
पांच साल की वैद्यता
यूनिक आई कार्ड की वैद्यता पांच साल की होगी। इसके बाद इसका नवीनीकरण कराना होगा। वैद्यता समाप्त होने के तीन पहले फिर से रेल मंडल कार्यालय को आवेदन देना होगा।