प्राइवेट कंपनियों को दिया जा सकता है रेल ट्रैक के जीर्णोद्धार का जिम्मा
Short of track, Indian Railways eyes private suppliers in blow to state steel firm
दुनिया की चार सबसे बड़ी रेल सेवाओं में से एक भारतीय रेल अपने ट्रैकों के जीर्णोद्धार के लिए अहम फैसला ले सकता है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक रेलवे वर्षों से इस संबंध में चले आ रहे स्टील अथॉर्टी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) के एकाधिकार को खत्म कर निजी स्टील कंपनियों की मदद ले सकता है।
सेल...
more... राज्य स्वामित्व वाली स्टील कंपनी है, जो कि पिछले पांच वर्षों से एक छत्र रेलवे ट्रैकों के लिए काम करती आ रही है। लेकिन एक सच यह भी है कि कंपनी तय लक्ष्यों की पूर्ति में पीछे रही है। इसलिए भारत सरकार को रेल ट्रैकों की मरमम्त और अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए निजी कंपनियों की ओर रुख कर सकती है। सरकार निजी स्टील कंपनियों से 700 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब आज के करीब 45 अरब 76 करोड़ 45 लाख 30 हजार की रकम की खरीददारी कर सकती है।
देश की लाइफ लाइन कही जाने वाली विशाल रेलवे व्यवस्था के जीर्णोद्धार के लिए सरकार पांच वर्षों की तय अवधि में भारी रकम खर्च कर रही है। यह रकम 130 बिलियन अमेरिकी डॉलर यानी आज के करीब 84 खरब 99 अरब 12करोड़ 70 लाख रुपये है।
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