कामायनी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव न होने से क्षेत्रीय लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है। बार बार आंदोलन के बाद भी गाड़ी का ठहराव न होने से लोगों में व्यापक रोष देखा जा रहा है।
उक्त स्टेशन पर कामायनी का ठहराव न होने से क्षेत्र के लगभग तीन सौ गावों के लोग ट्रेन पकड़ने के लिए भदोही अथवा जंघई जैसे स्टेशनों का रुख करने को विवश होते हैं। जिन लोगों के पास यातायात के निजी संसाधन होते हैं उनको परेशानी कम होती है लेकिन जिनके पास खुद के साधन नहीं हैं उन्हें घंटों पहले घर से निकलना पड़ता है। वावजूद कई बार वाहनों की अदला बदली के बीच गाड़ी छूट जाती है। बताते चलें कि कामायनी के ठहराव को...
more... लेकर कई बार आंदोलन किया गया। कांग्रेस के युवा नेता सुनील उपाध्याय उर्फ बाबा व डा. भगौती प्रसाद गुप्ता द्वारा स्थानीय स्टेशन पर 22 दिनों तक आमरण अनशन किया जा चुका है। उस समय लखनऊ से पहुंचे सीनियर डीसीएम ने रेलवे बोर्ड का मामला बताते हुए उच्चाधिकारियों से बात कर गाड़ी का ठहराव एक माह के अंदर सुनिश्चित कराने का आश्वासन दिया था। उनके जाने के बाद मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया। इसी तरह सुरियावां में आयोजित एक कायर्क्रम में सांसद वीरेंद्र सिह के सामने लोगों ने मांग उठाई तो उन्होंने भी एक माह का समय मांगा था।सांसद का आश्वाशन मिले लगभग एक वर्ष गुजर गए फिर भी नतीजा सिफर रहा। गाड़ी का ठहराव न होने पर सुनील ने रेलवे ट्रैक जाम करने की चेतावनी दी है।