पांच साल पहले तक मात्र 40 प्रतिशत ट्रेनें समय पर पहुंचती थी पर अब यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। लेट लतीफी का दाग मिटाने में NCR ने नया रिकार्ड बनाया है। ट्रेनें अब आधुनिकता के साथ समय पर पहुंचने का नया सफर तय कर रही है।
अमरीश मनीष शुक्ल, प्रयागराज। बुलेट और सेमी बुलेट की तरफ बढ़ने के साथ पारंपरिक रेल यातायात को भी सुधारने में सफलता हासिल हुई है। पांच साल पहले तक मात्र 40 प्रतिशत ट्रेनें समय पर पहुंचती थी, पर अब यह आंकड़ा 90 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। लेट लतीफी का दाग मिटाने में उत्तर मध्य रेलवे ने नया रिकार्ड बनाया है। विद्युतीकरण, आटोमैटिक सिग्नलिंग, इलेक्ट्रानिक इंटरलाकिंग, निर्बाध विद्युत आपूर्ति, इंटीग्रेटेड पावर सप्लाई सिस्टम, ऑटो...
more... रीसेट प्रणाली से ट्रेनों की लेट लतीफी न्यूनतम है और ट्रेनें समयबद्ध हैं। यानी ट्रेनें अब आधुनिकता के साथ समय पर पहुंचने का नया सफर तय कर रही है।
एनसीआर में हैं 367 मेल व 112 पैसेंजर ट्रेनें
2015-16 में 42 प्रतिशत, 2016-17 में 46, 2017-18 में 52, 2018-19 में 47, 2019-20 में 55, 2020-21 में 86, 2021-22 में 90 प्रतिशत ट्रेनें राइट टाइम रही हैं। ट्रेनों के पूर्णत: राइट टाइम के लिए गाजियाबाद से दादरी, खुर्जा, अलीगढ़, टूंडला, इटावा, गोविंदपुर में रीमाडलिंग हो रही है। इटावा से भांडई (आगरा के पास) और इटावा से ग्वालियर दो नए रूट खुलने और इनके विद्युतीकरण के बाद कई गाड़ियां इससे भेजी जाने लगी, जिससे मेन लाइन की क्षमता बढ़ गई है। अलीगढ़ से गाजियाबाद के बीच में तीसरी लाइन, मैनपुरी से इटावा नई लाइन शुरू हो गई है। शिकोहाबाद-फरूखाबाद सेक्शन, एटा से बरहन का फरवरी तक विद्युतीकरण हो जाएगा। चुनार-चोपन, महोबा से खजुराहो का विद्युतीकरण कार्य हो चुका है अब उदयपुरा तक विद्युतीकरण होते ही यह ललितपुर से मेन रूट से जुड़ जाएगा। इससे समय पालनता बढे़गी।
सीपीआरओ का है यह कहना
एनसीआर की 90 प्रतिशत ट्रेनें राइट टाइम हो चुकी हैं। हम तेजी के साथ यार्ड रीमाडलिंग, विद्युतीकरण व नई लाइनों को शुरू कर रहे हैं। जिससे ट्रेनें शत प्रतिशत तक राइट टाइम हो जाएंगी। इस समय कानपुर और प्रयागराज के बीच में पूरी तरह से स्वचलित संचालन का कार्य चल रहा है।
- डा. शिवम शर्मा, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी उत्तर मध्य रेलवे