रैपिड रेल से दिल्ली से मेरठ का सफर 55 मिनट में पूरा हो जाएगा। लेकिन इसके साथ ही जहां आपको कुछ टैक्स चुकाने पड़ेंगे। वहीं, सरकारी विभाग मालामाल हो जाएंगे। इसके लिए आज लखनऊ में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में लोकभवन में रैपिड रेल प्रोजेक्ट समीक्षा बैठक हुई। ये टैक्स आपसे विकास प्राधिकरण, आवास विकास विभाग लेगा। इसके लिए एनसीआरटीसी की तरफ से वैल्यू कैप्चर फाइनेंस प्रणाली पर कार्यशाला भी आयोजित की जा चुकी है। लेकिन इन पर अभी मंथन किया जा रहा था।
केंद्र सरकार की ओर से वर्ष-2019 में इस परियोजना को स्वीकृति देते हुए स्टेशनों के...
more... आसपास इलाकों की सघनता को देखते हुए वैल्यू कैप्चर फाइनेंसिंग (वीसीएफ) से राजस्व चिह्नित करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद ही समिति गठित कर इन टैक्स को फाइनल कर दिया गया था। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई इन टैक्स के माध्यम से नहीं की गई है। अब होने जा रही समीक्षा बैठक में इन पर विशेष तौर पर चर्चा होगी। यह भी पढ़ें: डॉक्टर डे विशेष: कोरोना काल में डॉक्टरों की कहानी... पढ़िए उनकी जुबानी, आईएमए करेगा योद्धाओं का सम्मान15972 करोड़ का राजस्व आएगा इस रिपोर्ट का आकलन करने के बाद साल 2019-2054 तक 15972 करोड़ रुपये के राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। इसी को देखते हुए वीसीएफ को लागू किया जा रहा है। इस प्रणाली को कई देश पहले से उपयोग में ला रहे हैं। इस प्रणाली पर ही सरकार प्रोजेक्ट तैयार करती है। इस प्रणाली में अन्य कई ऐसे ढांचों को भी बदलने का प्रस्ताव रखा गया है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट) है। इसमें एक स्थान से कई तरह के साधन मिलने का प्रावधान है। जिससे आप अपने वाहनों का उपयोग कम से कम कर सकें। ये हैं चार प्रकार के टैक्स बैटरमेंट चार्ज: एलपी पॉलिसी के तहत लोगों से ली जाने वाली जमीन पर लगाया जाता है। यहां इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करके कुछ हिस्सा वापस दे देती है। फीस फॉर सीएलयू: सरकारी योजना के शुरू होने के बाद वहां जमीन का यूज बदलता है। कृषि भूमि से नॉन कृषि भूमि करने पर मालिक से वसूली होती है। अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी : जिस इलाके से इस परियोजना को गुजारा जाना है, वहां होने वाली भूमि की खरीद-फरोख्त के लिए अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी का प्रस्ताव रखा गया है। इम्पैक्ट फीस: जहां से परियोजना गुजर रही है, उस इलाके में होने वाले नए निर्माण पर इम्पैक्ट फीस ली जाएगी।नोट- इन खबरों के बारे आपकी क्या राय हैं।