बालाघाट (नईदुनिया प्रतिनिधि)। बालाघाट से जबलपुर तक ब्रॉडगेज का निर्माण कार्य हो रहा है और यह कार्य पूरा होने के बाद बड़ी ट्रेन ट्रैक पर दौड़ेगी। इस बीच समनापुर से पादरीगंज तक भारी तादाद में जंगल हैं। ट्रेन चलने से वन्यप्राणी सुरक्षित रहें, इसके लिए ट्रैक के नीचे अलग-अलग 6 पुलिया बनाई गई हैं। इससे कोई भी छोटे-बड़े वन्यप्राणी ट्रेन की चपेट में नहीं आएंगे। इसीलिए ब्रॉडगेज की पटरी के नीचे पुलिया बनाई गई हैं।
वन विभाग नहीं दे रहा था अनुमति : बता दें कि बालाघाट से नैनपुर, जबलपुर के बीच काफी तादाद में जंगल हैं। ब्रॉडगेज निर्माण के पहले वन विभाग ने निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दे रहा था। क्योंकि समनापुर से लेकर लामता-पादरीगंज तक जंगल है। यह जंगल...
more... लामता वन परिक्षेत्र के पूरे रेंज में आता है। जंगल कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के पेंच कॉरीडोर से लगे होने से वन्यप्राणी बाघ, तेंदुआ, बायसन, नीलगाय, सांभर, हिरण, बारहसिंगा, जंगली सूअर, कोटरी, भालू सहित अन्य वन्यप्राणियों की चहल कदमी बनी रहती है। ये वन्य जीव बारिश, ठंड में कम और भीषण गर्मी में जंगल के बाहर ज्यादा विचरण करते रहते हैं। इसके चलते जंगल से होकर ट्रेन गुजरने इनकी मौत होने आशंका ज्यादा रहती है। इसके कारण वन विभाग ने रेलवे विभाग को ट्रेन के पटरी पर दौड़ते समय ट्रैक के नीचे वन्य प्राणियों के विचरण करने पुलिया बनवाई है, ताकि वे सरलता से इन बनाए गए पुलिया के नीचे से विचरण कर सके।
पुलिया की 15 फीट ऊंचाई और 15 लंबाई : समनापुर से लेकर पादरीगंज के बीच ब्रॉडगेज निर्माण के दौरान रेलवे विभाग ने वन्य प्राणियों के आवाजाही करने के लिए ट्रैक के नीचे 6 अलग-अलग पुलिया बनाई गई हैं। इसमें एक पुलिया में 8 निकलने वाले द्वार हैं। इसमें एक द्वार 15 फीट ऊंचाई और 15 लंबाई का बनाया गया है, जिससे वन्यप्राणी इसमें तेज रफ्तार में भी दौड़कर निकल सकते हैं। यह सब वन्य प्राणियों के संरक्षण के लिए किया गया है।
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समनापुर से लेकर पादरीगंज तक का पूरा वन परिक्षेत्र लामता के रेंज में आता है। लामता परिक्षेत्र की पूरी रेंज कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के पेंच कॉरीडोर से जुड़ी हुई है। इसके कारण वन्य प्राणियों की संख्या में इजाफा हुआ है। इनके संरक्षण के लिए ट्रेन के ट्रैक के नीचे 6 पुलिया निर्माण कराया गया है।
-नरेश कुमार काकोड़िया, रेंजर उत्तर सामान्य वन परिक्षेत्र लामता।