इलाहाबाद : क्षतिग्रस्त ट्रैक से गुजर गई अयोध्या रामेश्वरम एक्सप्रेस!
मीरजापुर के सबरी रेलवे फाटक के पास फिर सामने आई रेलवे की लापरवाही
पेंड्रोल क्लिप नहीं थीं, गुजरती गईं ट्रेनें
जिंदगियां बचाने वाले ड्राइवर को रेलवे देगा अवॉर्ड
कैफियात...
more... एक्सप्रेस के ड्राइवर ने समझदारी से लगाए थे ब्रेक
उन्नाव : स्टेशन के पास पटरियों से गायब मिलीं पेंड्रोल क्लिप
28 घंटे बाद संचालन हो सका बहाल
लखनऊ : कैफियात एक्सप्रेस की डम्पर से टक्कर के 28 घंटे बाद गुरुवार सुबह ट्रेन संचालन बहाल हो गया। गाड़ियों के घंटों लेट आने से एक ओर जहां उनमें सफर कर रहे यात्री परेशान हुए वहीं दूसरी ओर लखनऊ व दूसरे स्टेशनों से आरक्षण कराने वाले यात्री भी प्लेटफॉर्म पर इंतजार करते-करते थक गए।
नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ गौरव बंसल ने बताया कि अप लाइन पर गुरुवार सुबह 5:58 बजे से संचालन शुरू हो गया है। आनंदविहार-गोरखपुर हमसफर एक्सप्रेस 12.30 घंटे, कोटा-पटना एक्सप्रेस 13 घंटे, फरक्का एक्सप्रेस 5.30 घंटे, मरुधर एक्सप्रेस पांच घंटे, बिहार संपर्कक्राति एक्सप्रेस 17 घंटे, शहीद एक्सप्रेस 11 घंटे, वैशाली एक्सप्रेस 07.30 घंटे, पद्मावत एक्सप्रेस 04.30 घंटे, गोरखधाम एक्सप्रेस 10 घंटे और आनंदविहार-मुजफ्फरपुर गरीबरथ एक्सप्रेस चार घंटे लेट आई।
हादसे के बाद गुरुवार को पहली ट्रेन रवाना की गई।
लापरवाही सामने आ रही है।
आरपीएफ भी हुई सुस्त
रेलवे ट्रैक की कमी से हो रहे हादसों पर नजर रखने के लिए कुछ महीने पहले आरपीएफ को ट्रैक की निगरानी रखने के लिए निर्देशित किया गया था। आरपीएफ रेलपथ का निरीक्षण कर सीधे हेडऑफिस में रिपोर्ट भेजेगी। इसके बाद अगर ट्रैक में कोई गड़बड़ी है तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। लेकिन आरपीएफ भी धीरे-धीरे अपने निरीक्षण पर ब्रेक लगाती दिखाई पड़ रही है।
जर्जर स्लीपर दे रहे हादसों को दावत
ट्रैक पर पेंड्रॉल क्लिप के आलावा जर्जर स्लीपर भी किसी बड़ी दुघर्टना को दावत देने की तैयारी में हैं। रेलपथ निर्माण में पटरियों के नीचे कुछ जगहों पर लकड़ी के स्लीपर लगाए गए थे। जो अब सड़ चुके हैं।•एनबीटी, उन्नाव : पांच दिनों को अंदर लगातार दो रेल हादसे होने के बाद रेल विभाग इसको लेकर गंभीर नहीं नजर नहीं आ रहा है। मॉडल रेलवे स्टेशन के पास ही कई जगहों पर पटरियों से पेंड्रॉल क्लिप गायब हैं। रेलवे स्टेशन से मगरवारा की ओर जाने पर दर्जनों ऐसी जगहे हैं जहां लगी पेंड्रॉल क्लिप ढीली हैं या तो कई गायब हैं। खास बात है कि पथ पर ये कमियां मॉडल रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर ही हैं। गैंगमैनों की कमी भी इसका एक कारण है।
कुछ महीने पहले ही उन्नाव रेलवे स्टेशन पर एलटीटी दुघर्टनाग्रस्त हो गई थी। जिसकी जांच में रेलपथ गड़बड़ी सामने आई थी। इसके बाद भी ऐसी•एनबीटी ब्यूरो, इलाहाबाद : इलाहाबाद के प्रयाग और फाफामऊ स्टेशनों के बीच क्षतिग्रस्त ट्रैक से गुरुवार को अयोध्या रामेश्वरम एक्सप्रेस गुजर गई। इस ट्रैक की मरम्मत चल रही है। हालांकि एक स्थान पर ट्रैक में दरार ज्यादा आ गई थी। ट्रेन की स्पीड कम थी इसलिए कोई दुर्घटना नहीं हुई। इसकी जानकारी मिलने के बाद इलाहाबाद से लखनऊ जाने वाली गंगा-गोमती एक्सप्रेस ट्रेन को भी करीब आधे घंटे देरी से प्रयाग से छोड़ा गया। इसी ट्रैक से जौनपुर,
फैजाबाद, वाराणसी और लखनऊ के लिए ट्रेनें जाती हैं। ट्रैक क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने कर्मचारियों की मदद से इसे दुरुस्त किया।
•एनबीटी ब्यूरो, मीरजापुर : नगर के सारी रेलवे क्रॉसिंग के पास अप लाइन की पटरी के स्लीपरों की आधा दर्जन पेंड्रोल क्लिप रेलवे ट्रैक के पास बिखरी हुई पड़ी थीं। उसी ट्रैक से शाम को छह बजे के करीब पुरुषोत्तम एक्सप्रेस गुजर गई। ट्रेन की रफ्तार कम होने के चलते कोई हादसा नहीं हुआ।
मामले की जानकारी होते ही आरपीएफ के प्रभारी निरीक्षक अर्जुन कौंतेय व जीआरपी व कटरा कोतवाली के थानाध्यक्ष मौके पर पहुंच गए। रेलवे क्रॉसिंग से चंद कदम की दूरी पर अप लाइन की रेल पटरी के आधा दर्जन स्लीपर के पेंड्रोल क्लिप खुली गई थीं। रेलवे के अफसरों का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। वैसे ट्रेन के गुजरते समय झटका लगने पर भी पेंड्रोल क्लिप कभी-कभी खुल जाती हैं।
Praveen.Mohta@timesgroup.com
कानपुर : ट्रैक पर अचानक आए डंपर के बाद डीरेल हुई कैफियात एक्सप्रेस के यात्री मामूली चोटों के अलावा किसी बड़े नुकसान से बच गए। 107 किमी घंटा की स्पीड पर दौड़ रही ट्रेन के ड्राइवर ने धीरे-धीरे ब्रेक लगाए। एक साथ ब्रेक लगाने पर ब्रेक जाम हो जाते और कोच एक-दूसरे पर चढ़ते। यही वजह रही कि डंपर से टकराने के वक्त ट्रेन की स्पीड काफी नियंत्रण में आ चुकी थी और बड़ी जनहानि टल गई। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, ड्राइवर का नाम अवॉर्ड के लिए भेजा जाएगा।
नॉर्थ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल के अनुसार, दिल्ली जा रही कैफियात एक्सप्रेस 107 किमी की स्पीड पर दौड़ रही थी। अछल्दा-पाता के बीच ट्रैक पर अचानक डंपर देख लोको पायलट (ड्राइवर) एसके चौहान ने अपना पूरा अनुभव झोंक दिया और ब्रेक को धीरे-धीरे अप्लाई किया। इससे स्पीड कम हुई और डंपर से टक्कर के बावजूद ज्यादातर कोच बेकाबू होकर उछले नहीं। एक साथ ब्रेक लगाने पर जबर्दस्त नुकसान का खतरा था। हादसे में चौहान भी जख्मी हुए हैं। ड्यूटी के दौरान लगी चोट (आईओडी) के कारण उन्हें तय रकम का भुगतान किया जाएगा। साथ ही यात्रियों की जान बचाने के लिए अवॉर्ड मिलेगा। इसके लिए उनका नाम भेजा जाएगा। हादसे की तीव्रता कम होने की दूसरी बड़ी वजह एलएचबी कोच थे। ये कोच सिर्फ 6 महीने पुराने