खुशखबरी
’ बढ़नी-गोण्डा रेलखण्ड की अंतिम जांच में आए सीआरएस व डीआरएम
’ गैसड़ी स्टेशन को जंक्शन की श्रेणी से हटाने का विरोध
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डीआरएम व सीआरएस को ज्ञापन सौंपते व्यापारी ’ हिन्दुस्तान
मीटर...
more... गेज से ब्रॉडगेज बने बढ़नी-गोण्डा रेल खण्ड के अंतिम चरण की जांच में आए सीआरएस व डीआरएम का विभिन्न समस्याओं को लेकर पचपेड़वा नगर व ग्रामीण क्षेत्र के व्यापारियों व सैकड़ों लोगों ने घेराव कर अपनी मांगें रखीं। इस पर डीआरएम आलोक सिंह ने निस्तारण का आश्वासन दिया। रेलवे अधिकारी व जनता के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। इसी दौरान सांसद श्रवस्ती दद्दन मिश्र ने भी डीआरएम को फोन कर सुविधाओं व ट्रेनों को बढ़ाने पर विचार करने को कहा। गुरुवार को सीआरएस एक विशेष गाड़ी से गोरखपुर से गोण्डा तक जाएंगे। इस गाड़ी की रफ्तार120 किमी प्रतिघंटे होगी। इसके बाद वह ट्रेनों के संचालन की लिखित अनुमति दे देंगे। संभव है कि 18 नवम्बर से रेलगाड़ियों का संचालन शुरू हो जाए।पूवरेत्तर रेलवे के गोण्डा-गोरखपुर के बीच बढ़नी-गोण्डा लाइन पर 23 नवम्बर 2013 को मीटर गेज पर गाड़ियों का संचालन रोक ब्राडगेज का कार्य शुरू किया गया था। निर्धारित समय पर काम पूरा न होने के कारण आज तक उक्त रेलखण्ड पर ट्रेनों का संचालन शुरू नहीं हो सका। बुधवार को अंतिम निरीक्षण पर आए सीआरएस व डीआरएम की संयुक्त टीम लाइन व मानवरहित क्रॉसिंग की सघन जांच करने पचपेड़वा स्टेशन पहुंची। उनके आने की भनक यहां के व्यापारियों को लगी तो आनन-फानन में सब स्टेशन पहुंच गए। लगभग एक दर्जन मांगों से संबंधित ज्ञापन डीआरएम को थमाया। लोगों ने कहा कि पचपेड़वा में 1970 में बना एकमात्र शौचालय निष्प्रयोज्य है। स्टेशन पर प्रकाश व्यवस्था नगण्य है। यात्रियों को बैठने के लिए बेंच की व्यवस्था बहुत कम है। भाथर मानवरहित क्रासिंग पर समपार फाटक नहीं बना है। स्टेशन पर बनी सड़क पैदल चलने लायक भी नहीं है। पेयजल के लिए एकमात्र इंडिया मार्का हैंडपंप है जबकि इस क्षेत्र की आबादी साढ़े तीन लाख है। यहां तीन डिग्री कॉलेज, एक औद्योगिक कॉलेज व नौ इंटर कॉलेज के साथ-साथ प्रसिद्ध देवीपाटन शक्तिपीठ व अन्य प्रसिद्ध स्थल हैं। व्यापारियों ने मांग की कि यहां पर सभी गाड़ियों का ठहराव किया जाए। कम से कम एक दर्जन अप-डाउन की डेमो ट्रेन चलाई जाएं। प्रतिदिन दिल्ली व मुम्बई जाने वाली कम से कम तीन ट्रेनों को इस मार्ग से निकाला जाए। रेलवे की कैंटीन बनवाई जाए। व्यापारियों का कहना था कि यहां से प्रतिदिन एक हजार टिकट की बिक्री पूर्व में होती थी। रेलवे की बड़ी आय यहां से होती रही है। बलरामपुर के भगवतीगंज के बाद औद्योगिक क्षेत्र में यहां का दूसरा स्थान है। इस हिसाब से यहां सुविधाएं न के बराबर हैं। ऐसे में यहां पर सुविधाओं का विस्तार किया जाए। इस दौरान मांगों पर अड़े व्यापारियों व रेलवे अधिकारियों के बीच काफी नोकझोंक भी हुई। इस अवसर पर ईंट भट्ठा यूनियन जिलाध्यक्ष मो. मारूफ खां, डॉ. इश्तियाक, हारून खां, व्यापार मण्डल अध्यक्ष आगा हसन खां, चेयरमैन मंजूर आलम खां, रवि सोनी, डॉ. एहसान खां, संजय सोनी, सभासद धर्मेद्र गुप्त सहित पांच सौ लोग उपस्थित थे।
गैसड़ी। पूवरेत्तर रेलवे से गोण्डा तक आमान परिवर्तन का कार्य पूरा होने के बाद निरीक्षण को आए सीआरएस पीके वाजपेई व डीआरएम आलोक सिंह को गैसड़ी रेलवे स्टेशन को जंक्शन की श्रेणी से हटाए जाने पर विरोध का सामना करना पड़ा। स्थानीय लोगों ने रेलवे ट्रैक जामकर कर धरना- प्रदर्शन किया और रेल प्रशासन व सांसद के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने लगभग एक घंटे तक रेलवे ट्रैक जाम रखा। गैसड़ी व्यापार मण्डल, समाजसेवी संस्था महाराणा प्रताप जनजातीय सेवा संस्थान, महामाया जनकल्याण सेवा संस्थान व विजय गुप्ता के नेतृत्व में भाजपा की तरफ से ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में गैसड़ी को जंक्शन बनाए रखे जाने, बंद किए गए गैसड़ी रेलवे क्रासिंग पूरब, लठावर पश्चिम को चालू कराने, रेलवे स्टेशन पर ओवरब्रिज बनवाने आदि की मांग की। डीआरएम ने मांगों को रेल मंत्रलय व रेल मंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया जिस पर धरना प्रदर्शन समाप्त हुआ। इस अवसर पर बैजनाथ जायसवाल, सरदार अवतार सिंह, प्रिन्स वर्मा, विजय गुप्ता, रामछबीले, शोभाराम यादव, पारस यादव, सरदार परमजीत सिंह, ओमप्रकाश बाबा, जगप्रसाद यादव, राजू प्रजापति, अमरेश चौरसिया, रामू पटवा, नसीम अहमद, सुरेश गुप्त, विनीत मोदनवाल, प्रेमचंद, सरदार संटी सिंह सहित तमाम लोग शामिल थे।
पचपेड़वा/गैसड़ी हिन्दुस्तान संवाद