रेलवे प्रशासन ने रेलवे यातायात सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आजमगढ़-शाहगंज रूट पर आने वाले क्रासिंग को पूर्ण से बंद करने का निर्णय लिया है। साथ ही यातायात के आवागमन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की योजना तैयार की है।
रेलवे के क्रासिंगों पर बाइक सवारों की संख्या बढ़ने और ट्रेनों की गति तेज होने से रह-रह कर दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इसके कारण जान-माल की भारी क्षति होती रहती है। कई लोगों की जानें भी जा चुकी हैं और कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हो चुके हैं। ऐसे में रेलवे प्रशासन ने लगभग दो दर्जन क्रासिंग को सीधे बंद करने का निर्णय लिया है। इसमें प्रमुख रूप से मोहम्मदाबाद-सठियांव स्टेशन के मध्य हरैया,सठियांव-आजमगढ़ के बीच रानीपुर, कुकड़ीपुर, पैकौली,...
more... आजमगढ़-सराय रानी के बीच नीबी जाफरपुर, बसीरपुर, कुद्दनपुर, सराय सुरैया, जगरनाथ सराय, बाकेपुर, शेखवल, बढ़या, रानी की सराय -फरिहां के मध्य महमूदपुर, ईश्वरपुर, सरायमीर-फरिहां स्टेशन के मध्य चकरोना, परसहां, मीरपुर, छित्तूपट्टी, कनैथा समपार शामिल हैं। इसके अलावा सरायमीर-खुरासनरोड स्टेशन के मध्य खरेवां, करछा, जगदीशपुर और खुरासन रोड स्टेशन- दीदारगंज के बीच क्रासिंग इब्राहिमपुर को चिन्हित किया गया है। चिन्हित किए गए क्रासिंग को बंद कर उनके स्थान पर निकट के क्रासिंग से संपर्क मार्ग द्वारा जोड़ कर सब वे बनाए जाने की रेलवे की योजना है।
सहायक मंडल अभियंता पश्चिम/मऊ एके उपाध्याय ने बताया कि देश भर के सभी मानव रहित क्रासिंग को वर्ष 2019 तक बंद किए जाने की योजना है। इसके तहत आजमगढ़ के क्रासिंग को भी बंद करने के लिए जिला प्रशासन को फाइल भेजी गई है। बंद होने वाले क्रासिंग पर आवागमन के लिए तीन तरह के विकल्प दिए गए हैं। जहां ट्रैफिक कम है,उसे बंद कर अधिक ट्रैफिक वाले क्रासिंग से जोड़ा जाएगा। सर्वाधिक ट्रैफिक वाले क्रासिंग पर सब वे (अंडर ग्राउंड रोड)बनाया जाना है। तीसरा विकल्प ओवरब्रिज का है। इसके तहत सिधारी हाइडिल के पास ओवरब्रिज का निर्माण जारी है।