Part-3/
आत्मनिर्भर भारत world economy के साथ पूरी तरह integrated भी होगा और supportive भी। लेकिन ध्यान रखिएगा, आत्मनिर्भर भारत का मतलब ये भी है कि है कि हम strategic क्षेत्रों में किसी पर निर्भर नहीं रहेंगे। It is about creating strong enterprises In India. Enterprises that can become global forces. It is about generating employment. It is about empowering our people to come out and create solutions that can define the future of our country. हमें अब एक ऐसी robust local supply chain के निर्माण में invest करना है, जो global supply chain में भारत की हिस्सेदारी को strengthen करे। इस अभियान में, मैं CII जैसी दिग्गज संस्था को भी नई भूमिका...
more... में आगे आना होगा। अब आपको Champions of Indigenous Inspirations बनकर आगे आना है। आपको domestic industries की रिकवरी को facilitate करना है, next level growth को assist करना है, सपोर्ट करना है, आपको industry को, अपने मार्केट को globally expand करने में मदद करना है।
साथियों, अब जरूरत है कि देश में ऐसे products बनें जो Made in India हों, Made for the World हों। कैसे हम देश का आयात कम से कम करें, इसे लेकर क्या नए लक्ष्य तय किए जा सकते हैं? हमें तमाम सेक्टर्स में productivity बढ़ाने के लिए अपने टार्गेट तय करने ही होंगे। यही संदेश मैं आज इंडस्ट्री को देना चाहता हूँ, और देश यही अपेक्षा भी आपसे रखता है।
साथियों, देश में manufacturing को, Make in India को, रोज़गार का बड़ा माध्यम बनाने के लिए आप जैसे तमाम इंडस्ट्री के संगठनों से चर्चा करके ही कई priority sectors की पहचान की गई है। इनमें से furniture, air conditioner, leather and Footwear , इन तीन सेक्टर्स पर काम शुरु भी हो चुका है। सिर्फ एयर कंडिशनर को लेकर ही हम अपनी डिमांड का 30 प्रतिशत से अधिक इंपोर्ट करते हैं। इसको हमें तेज़ी से कम करना है। इसी तरह दुनिया का दूसरे सबसे बड़ा leather producer होने के बावजूद, global export में हमारा शेयर बहुत कम है।
साथियों, कितने ही सेक्टर्स हैं, जिसमें हम बहुत अच्छा कर सकते हैं। बीते सालों में आप सभी साथियों के सहयोग से ही देश में वंदेभारत जैसी आधुनिक ट्रेनें बनीं हैं। देश आज मेट्रो के कोच निर्यात कर रहा है। इसी तरह मोबाइल फोन मैन्युफेक्चरिंग हो, डिफेंस मैन्युफेक्चरिंग हो, अनेक क्षेत्रों में इंपोर्ट पर हमारी डिपेंडेंस को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। और मैं बहुत गर्व से कहूंगा कि सिर्फ 3 महीने के भीतर ही Personal Protective Equipment - PPE की सैकड़ों करोड़ की इंडस्ट्री आपने ही खड़ी की है। तीन महीने पहले तक भारत में एक भी PPE नहीं बनती थी। आज भारत एक दिन में 3 लाख PPE किट बना रहा है, तो ये हमारे उद्योग जगत का ही सामर्थ्य है। आपको इसी सामर्थ्य का इस्तेमाल हर सेक्टर में बढ़ाना है। मेरा तो CII के तमाम साथियों से ये भी आग्रह है, कि rural economy में investment और किसानों के साथ partnership का रास्ता खुलने का भी पूरा लाभ उठाएं। अब तो गांव के पास ही लोकल एग्रो प्रोडक्ट्स के क्लस्टर्स के लिए ज़रूरी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। इसमें CII के तमाम मेंबर्स के लिए बहुत opportunities हैं।
साथियों, farm हो, fisheries हो, food processing हो, footwear हो, pharma हो, अनेक सेक्टर्स में नई opportunities के gate आपके लिए खुले हैं। सरकार ने शहरों में प्रवासियों के लिए आवास उपलब्ध कराने के लिए जिस रेंटल स्कीम की घोषणा की है, उसमें भी आप सभी साथियों को मैं सक्रिय भागीदारी के लिए आमंत्रित करता हूं।
साथियों, हमारी सरकार प्राइवेट सेक्टर को देश की विकासयात्रा का partner मानती है। आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुड़ी आपकी हर आवश्यकता का ध्यान रखा जाएगा। आपसे, सभी स्टेकहोल्डर्स से मैं लगातार संवाद करता हूं और ये सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। I request you to come up with a detailed study of every sector. Build consensus. develop concepts, think big. We will together take up more structural reforms that will change the course of our country.
We will together build आत्म निर्भर भारत. साथियों, आइए, देश को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लें। इस संकल्प को पूरा करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दें। सरकार आपके साथ खड़ी है, आप देश के लक्ष्यों के साथ खड़े होइए। आप सफल होंगे, हम सफल होंगे, तो देश नई ऊँचाई पर पहुंचेगा, आत्मनिर्भर बनेगा। एक बार फिर CII को 125 वर्ष पूरा होने पर मैं बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। बहुत-बहुत धन्यवाद !!
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VRRK/ VJ
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