सिंगरौली. करीब ढाई महीने बाद यात्रियों की ट्रेनों के साथ एक ओर जहां मालवाहन रेल गाडिय़ों की रफ्तार में बढ़ोत्तरी की जा सकेगी। वहीं दूसरी ओर करीब 200 किलोमीटर की दूरी भी कम हो जाएगी। इससे यात्रियों के साथ सबसे बड़ा फायदा एनसीएल को कोयला परिवहन में होगा।
कोल परिवहन में लगी मालगाडिय़ों को पूरा 200 किलोमीटर दूरी कम तय करनी पड़ेगी। बात सिंगरौली व शक्तिनगर रेलवे स्टेशन से चुनार तक की जा रही इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के काम की कर रहे हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक इस रूट पर सक्तेशगढ़ रेलवे स्टेशन में दो दिन पहले अत्याधुनिक सिग्नल प्रणाली यानी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा कर लिया गया है। अब केवल चुर्क स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का काम बाकी रह गया है।...
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माना जा रहा है कि इस स्टेशन पर भी इंटरलॉकिंग का कार्य अधिकतम मार्च तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद इस रूट पर यात्री व मालगाड़ी 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। साथ ट्रेनों की दूरी कम होने से समय भी बचेगा। रेलवे परामर्शदात्री समिति के सदस्य एसके गौतम के मुताबिक इस क्षेत्र के लिए यह रेलवे का बड़ा काम पूरा हुआ है। इससे समय बचत के चलते नई ट्रेनों के संचालन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
अभी है यह स्थिति
अधिकारियों के मुताबिक अभी इस रूट पर यात्री ट्रेन केवल 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलती हैं। जबकि कोयला परिवहन करने सहित यहां की अन्य मालगाड़ी अभी सिंगरौली/शक्तिनगर से चलकर वाया ओबरा डैम, बिल्ली, सलई बनवा बाइपास, रेणुकूट, नगर उंटारी, गढ़वा रोड, डेहरी ऑन सोन, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर स्टेशनों से होते हुए चुनार पहुंचती हैं।
यह मिलेगी राहत
चोपन-चुनार रेलखंड पर सक्तेशगढ़ के बाद चुर्क रेलवे स्टेशन में इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा होने के बाद मालगाड़ी सिंगरौली/शक्तिनगर से वाया ओबरा डैम, चोपन, चुर्क, सोनभद्र, सक्तेशगढ़ होते हुए चुनार तक पहुंचेगी। इससे कोयला व अन्य माल ढुलाई में 200 किमी दूरी हो जाएगी। इसके अलावा सिंगरौली/शक्तिनगर से नई दिल्ली तक नई यात्री ट्रेनों के संचालन व समय पालन का मार्ग भी प्रशस्त होगा।
रूट पर हुआ काम व राहत
- चोपन-चुनार रेलखंड पर सक्तेशगढ़ स्टेशन पर हाट स्टैंडबाई के साथ केंद्रीकृत नई इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग का कार्य 16 जनवरी को पूरा कर लिया गया।
- ट्रैक मशीन साइडिंग इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग युक्त हुआ। साथ ही स्टेशन पर बटन वाले पैनल को हटाकर विजुअल डिस्प्ले यूनिट पैनल लगाया गया।
- इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के तहत बेहतर दृश्यता के लिए 43 इंच के डबल विजुअल डिस्प्ले यूनिट लगाए गए हैं। इससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।
- हाट स्टैंड बाई प्रणाली के लागू होने से पहले पैनल में कोई खराबी आने पर स्थापित दूसरा विजुअल डिस्प्ले यूनिट स्वत: कार्य करने लगेगा।
- इस प्रणाली में दो यूनिट लगे होने से ट्रेनों के परिचालन में उत्पन्न होने वाला व्यवधान खत्म हो जाएगी। इससे ट्रेन लेट नहीं होंगी।
- सक्तेशगढ़-लूसा खंड को सिंगल लाइन ब्लॉक पैनल के साथ कमीशन किया गया है, जिससे ट्रेनों के परिचालन में सुविधा होगी।
- इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग रूम, आईपीएस और बैटरी रूम में स्वचालित फायर अलार्म सिस्टम लगाया गया है।
- इस सिस्टम में 11 प्वाइंट मशीन, 14 मुख्य सिग्नल, 4 शंट सिग्नल और डबल डिस्टेंट सिग्नल को केंद्रीकृत इलेक्ट्रानिक इंटरलॉकिंग से जोड़ा गया है।