लखीमपुर खीरी।लखनऊ से दिल्ली वाया लखीमपुर अभी काफी दूर है। लखनऊ से पीलीभीत के बीच आमान परिवर्तन का काम अभी पूरा नहीं हो सका है। इस काम को पूरा करने में पीलीभीत टाइगर रिजर्व का बफर जोन जंगल रोड़ा बना हुआ है। मैलानी से पीलीभीत के बीच 9 किलोमीटर के बीच पड़ने वाले जंगल की वजह से काम नहीं हो पा रहा है।लखनऊ से पीलीभीत रेलखंड पर आमान परिवर्तन कर मीटर गेज को ब्रॉडगेज किया जाना है। इसमें लखनऊ से मैलानी के बीच दो चरणों में आमान परिवर्तन का काम भी पूरा कर लिया गया। इस रेल प्रखंड पर ब्रॉड गेज की ट्रेनों का संचालन भी शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ मैलानी से पीलीभीत के बीच आमान परिवर्तन कर ब्रॉडगेज करने का काम पिछले 2 साल से लटका हुआ है। काम पूरा ना होने के पीछे पीलीभीत टाइगर रिजर्व का बफर जोन जंगल आड़े आ रहा है। इसके चलते...
more... शाह गढ़ स्टेशन से माला स्टेशन के बीच करीब 9 किलोमीटर का जंगल पड़ रहा है। वन विभाग संरक्षित वन क्षेत्र होने के चलते और वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर ब्रॉडगेज के काम पूरा करने में एतराज जता रहा है।
पहले अंडरपास अब जाली लगाने की कर रहा मांग
मैलानी पीलीभीत के बीच पड़ने वाले करीब 14 किलोमीटर के जंगल में ब्रॉड गेज की लाइन बिछाने को लेकर पहले वन विभाग अंडरपास बनाने की मांग कर रहा था। अब वन विभाग ने रेलवे ट्रैक के दोनों तरफ लोहे की जाली लगाने की बात की है। इसको लेकर रेलवे विभाग अभी असमंजस की स्थिति में पड़ा हुआ है।
ब्रॉडगेज के बाद विद्युतीकरण का भी काम लगभग पूरा
लखनऊ से सीतापुर के बीच ब्रॉडगेज का काम पूरा होने के बाद विद्युतीकरण का भी काम पूरा करा कर बिजली की ट्रेनिंग संचालित होने लगी हैं। सीतापुर से लखीमपुर के बीच भी इसका काम पूरा हो गया है। जल्द ही इसका भी अगले माह में सीआरएस ट्रायल करने के बाद ट्रेन संचालित की जाने लगेगी। वहीं दूसरी तरफ मैलानी पीलीभीत के बीच अभी ब्रॉडगेज का ही काम नहीं पूरा हो सका है। ब्रॉड गेज का काम पूरा होने के बाद सीधे अब इस रेल प्रखंड पर बिजली की ही ट्रेनें चलने की उम्मीद जताई जा रही है।