रांची। आशीष तिग्गा : चार साल बीत जाने और छह सौ करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी लोहरदगा-टोरी रेललाइन में एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन नही हो पाया। इसके कारण न तो रांची से दिल्ली तक की यात्रा तीन घंटे कम हुई और न ही रांची से वाराणसी जाने वाली ट्रेनों की दो घंटे अतिरिक्त सफर कम हुई। यह लाइन वर्ष 2017 में बनकर तैयार हो गया है, साथ ही विद्युतीकरण का कार्य भी पूरा हो चुका हैं। वर्तमान में इस लाइन में सिर्फ लोहरदगा-टोरी पैसेंजर ट्रेन चल रही है। सासाराम एक्सप्रेस जो इस रुट में चल रही थी। वह कोरोना काल में बंद हो गई है। इसके कारण इस लाइन के बनने से न यात्रियों को ज्यादा लाभ मिल पा रहा है और न ही नई ट्रेनों के परिचालन को लेकर रेलवे बोर्ड से किसी प्रकार की चर्चा हो रही है। सिर्फ इस लाइन में राजधानी एक्सप्रेस को चलाने को...
more... लेकर सांसद संजय सेठ के द्वारा कई चरणों में रेलवे बोर्ड और रेलमंत्री को चिट्टी भेजी गई है।
कहां फंस रहा है पेंच
इस लाइन में नियमित ट्रेनों के परिचालन को लेकर रेलवे बोर्ड मुख्यालय स्तर पर कई तरह के पेंच फंस रहा है। पहला पेंच यह है कि रेलवे बोर्ड से रांची रेलमंडल को अनुमति नही मिली है। दूसरा पेंच दक्षिण पूर्व रेलवे को आंशका है कि यदि बड़काकाना रुट से राजधानी एक्सप्रेस का परिचालन नही होता है तो यात्रियों का विरोध होगा। इसके अलावा सिल्ली विधानसभा क्षेत्र के यात्रियों के विरोध के बारे में भी रेलवे सोच रहा है। इस कारण आज तक नीतिगत फैसला नही लिया जा सका है।
क्या कहते हैं रेलवे के जानकार
झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य सह रेलवे के जानकार अरुण जोशी का कहना है कि इस लाइन से ट्रेनों का परिचालन नहीं होने से जनता और सरकार का पैसा बर्बाद हो रहा है। इस रुट से झारखंड स्वर्णजयंती, रांची-मनुवाडीह, वाराणसी की ट्रेन, संबलपुर-जम्मूतवी एक्सप्रेस, रांची-अजमेर शरीफ, गरीबरथ एक्सप्रेस चलाई जा सकती है। इसके अलावा रांची-चोपन को लोहरदगा-टोरी लाइन से चलाने के लिए रांची रेलमंडल ने प्रस्ताव भेजा था, परंतु तीन वर्ष बीत गए। कोई फैसला नहीं लिया जा सका। इस रुट में नियमित ट्रेनों का परिचालन न करवाकर बड़काकाना रुट में यात्रियों को 90 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर करवाया जा रहा हैं।
सांसद भी लगातार उठा रहे हैं मांग
लोहरदगा-टोरी लाइन से ट्रेनों के चलने से उत्तरप्रदेश के रेणुकूट चोपन, सोनभद्र व मध्यप्रदेश के सिंगरौली के लोगों को भी फायदा होगा। इसके लिए यूपी के सांसद राम सकल, पकौड़ी लाल के अलावा सांसद महेश पोद्दार, संजय सेठ भी मांग कर रहे है।